छह प्याले शराब (बादशाह अकबर और बीरबल)
बादशाह अकबर वैसे तो शराब के शौकीन नहीं थे किंतु बढ़ती उम्र के साथ वे शराब कुछ अधिक मात्रा में ही पीने लगे थे|
बादशाह अकबर वैसे तो शराब के शौकीन नहीं थे किंतु बढ़ती उम्र के साथ वे शराब कुछ अधिक मात्रा में ही पीने लगे थे|
बादशाह अकबर को न जाने क्या सूझा कि उन्होंने बीरबल को डराने के उद्देश्य से डरावना रूप धारण किया और उसके सामने पहुंच गए|
बादशाह अकबर ने बीरबल को एक बकरी दी और आदेश देते हुए कहा – “बीरबल, यह बकरी तुम एक महीने तक अपने पास रखो| इसे पूरी खुराक देना, किन्तु इस बात का ध्यान रहे कि इस बकरी का वजन न घटे और न ही बढ़े|”
बीरबल से किसी बात पर नाराज हो गए बादशाह अकबर और गुस्से में बीरबल से कह दिया कि तुरन्त यहां से चले जाओ और दुबारा कभी हमारे राज्य की धरती पर पैर मत रखना वरना मृत्युदण्ड दे दिया जाएगा|
केशव और राघव दो पड़ोसी थे| उनके मकान के सामने ही एक आम का पेड़ था| उन दोनों के बीच पेड़ के मालिकाना हक को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया| बात काफी आगे बढ़ गई और न्याय के लिए दोनों बादशाह अकबर के पास पहुंचे|
कभी-कभी बादशाह अकबर दरबार में जब हंसी-मजाक के मूड में होते तो उल-जलूल सवाल पूछ लिया करते थे| इसी कड़ी में एक दिन बादशाह ने कहा – “आज मेरा हंसने का बहुत मन कर रहा है, अगर कोई मुझे हंसा देगा तो मैं उसे सौ मोहरें इनाम में दूंगा लेकिन अगर नहीं हंसा पाया तो पचास मोहरें के तौर पर देनी होंगी|”
बादशाह अकबर अपनी बेगम से किसी बात पर नाराज हो गए| नाराजगी इतनी बढ़ गई कि उन्होंने बेगम को मायके जाने को कह दिया| बेगम ने सोचा कि शायद बादशाह ने गुस्से में ऐसा कहा है, इसलिए वह मायके नहीं गई|
बादशाह अकबर के दरबारियों को अक्सर यह शिकायत रहती थी कि बादशाह हमेशा बीरबल को ही बुद्धिमान बताते हैं, औरों को नहीं|
अकबर बादशाह को मजाक करने की आदत थी| एक दिन उन्होंने नगर के सेठों से कहा – “आज से तुम लोगों को पहरेदारी करनी पड़ेगी|”
तानसेन और बीरबल में किसी बात को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया| दोनों ही अपनी-अपनी बात पर अटल थे| हल निकलता न देख दोनों बादशाह की शरण में गए| बादशाह अकबर को अपने दोनों रत्न प्रिय थे| वे किसी को भी नाराज नहीं करना चाहते थे, अत: उन्होंने स्वयं फैसला न देकर किसी और से फैसला कराने की राय दी|