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एक सुनार के मकान में आग लग गई| अब बहुत भयंकर थी, सबकुछ धू-धू कर जल रहा था| सुनार असहाय खड़ा देख रहा था| तभी उसने जोर से कहा – “भाईयों, इस मकान के अन्दर मेरी जिंदगीभर की कमाई के लाखों के जेवर एक बक्से में पड़े हैं, कोई तो उसे निकाल लाओ|”

श्यामदस बहुत ही निर्धन व्यक्ति था| एक बार उसे स्वप्न आया की उसने अपने मित्र रामदास से सौ रुपये उधार लिए हैं| प्रात: जब वह उठा तो उसे इस स्वप्न का फल जानने की इच्छा हुई, उसने कई लोगों से स्वप्न की चर्चा कि|

बादशाह अकबर ने दरबार में प्रस्ताव रखा कि दो माह को एक माह में बदल दिया जाए| दरबारियों से इस पर राय मांगी गई तो सभी ने बादशाह की चापलूसी करते हुए इस प्रस्ताव का समर्थन किया किंतु बीरबल खामोश था|

यह घटना मुगलकाल की है| अकबर ने एक बार अपने राजदरबार में सवाल किया कि इस दुनिया में भेड़-बकरियों, घोड़े-गधों के समूह तो दिखाई देते हैं, लेकिन कुत्तों का समूह नहीं दिखाई देता?

दरबारियों की चुगलखोरी से परेशान होकर बीरबल अज्ञातवास पर चला गया| बादशाह अकबर ने उसकी बहुत खोज करवाई किन्तु नहीं मिला| उन्हें इतना तो यकीन था कि वह आसपास के किसी गांव में छिपकर रह रहा है, किन्तु कहां… यह पता नहीं चल पा रहा था|

बादशाह अकबर को अपनी फौज के लिए कुछ जिरहबख्तर की आवश्यकता थी| अत: उन्होंने इसके कारीगर को बुलवाया और पहले एक जिरहबख्तर बनाने का आदेश दिया ताकि उसकी मजबूती को परखा जा सके|