नारायण जिनके हिरदय
नारायण जिनके हिरदय में सो कछु करम करे न करे रे ..
मन तड़पत हरि दरसन को आज
मोरे तुम बिन बिगड़े सकल काज
आ, विनती करत, हूँ, रखियो लाज, मन तड़पत…
हरि तुम बहुत
हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हो .
साधन धाम विविध दुर्लभ तनु मोहे कृपा कर दीन्हो ..
हरी नाम का प्याला हरे कृष्ण की हाला
ऐसी हाला पी पी करके, चला चले मतवाला