Homeसिक्ख गुरु साहिबानश्री गुरु अमर दास जीश्री गुरु अमर दास जी – ज्योति ज्योत समाना

श्री गुरु अमर दास जी – ज्योति ज्योत समाना

अपने अंतिम समय को नजदीक अनुभव करके श्री गुरु अमरदास जी (Shri Guru Amardas Ji) ने गुरुगद्दी का तिलक श्री रामदास जी (Shri Guru Ramdas Ji) को देकर सब संगत को आप जी ने उनके चरणी लगाया| इसके पश्चात् परिवार व सिखों को हुक्म मानने का उपदेश दिया जो बाबा सुन्दर जी, बाबा नन्द के पोत्र ने इसका वर्णन करके श्री गुरु अर्जुन देव जी को सुनाया-

श्री गुरु अमर दास जी ज्योति – ज्योत समाना सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio

रामकली सदु 
१ ओंकार सतिगुरु परसादि||

जगि दाता सोइि भगति वछ्लु तिहु लोइि जीउ||  
गुर सबदि समावए अवरु न जाणै कोइि जीउ||  
अवरो न जाणहि सबदि गुर के एकु नामु धिआवहे|| 
परसादि नानक गुरु अंगद परम पदवी पावहे|| 
आइिआ ह्कारा चलणवारा हरि राम नामि समाइिआ||  
जगि अमरू अटलु अतोलु ठाकरू भगति ते हरि पाइिआ||१||

इस प्रकार सबको धैर्य और हुक्म मानने का वचन करके गुरु जी ने भादरव सुदी पूर्णिमा संवत १६६१ को अपने परलोक गमन कि तयारी कर ली| संगत को वाहिगुरू का सुमिरन व शब्द कितन करने कि आज्ञा करके आप कुश के आसन पर सफ़ेद चादर तान कर लेट गये| शरीर त्याग कर अकाल पुरख के चरणों में जा पहुँचे| कुल आयु व गुरुगद्दी का समय (Shri Amar Das Ji Total Age and Ascension to Heaven)

श्री गुरु अमरदास जी (Shri Guru Amar Das Ji) २२ साल ५ महीने और ११ दिन गुरुगद्दी पर आसीन रहे|

आप ६५ साल ३ महीने और २३ दिन इस जगत में शरीर करके सुशोभित रहे|

Khalsa Store

Click the button below to view and buy over 4000 exciting ‘KHALSA’ products

4000+ Products