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बीरबल को तम्बाकू खाने का शौक था, किंतु बादशाह अकबर को यह पसंद न था| एक दिन बादशाह अकबर तथा बीरबल सैर कर रहे थे| वहीं एक गधा भी चर रहा था|

बादशाह अकबर, उनकी बेगम तथा बीरबल तीनों बाग में बैठे आम खा रहे थे| बादशाह अकबर को मजाक सूझा और वे आम खाकर उसके छिलके व गुठलियां बेगम की तरफ फेंकने लगे|

बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा – “जिन लोगों के नाम अथवा उपनाम के अन्त में वान या बान लगा होता है वे लोग आमतौर पर कोई छोटा काम करने वाले ही होते हैं – जैसे दरबान,कोचवान आदि| तुम्हारा क्या विचार है इस बारे में बीरबल?”

बादशाह अकबर के साले साहब हर बार बीरबल से मात खाने के बाद भी दीवान बनने के सपने देखते रहते थे और इसके लिए वह अपनी बहन से कहते और बहन अपने मियां यानी बादशाह से| आब जोरू का भाई होने के कारण बादशाह को हर बार उसका एक नया इम्तहान लेना पड़ता था|

एक व्यक्ति दरबार में तोता बेचने आया| वह तोता बहुत ही अच्छी नस्ल का था और बहुत ही अच्छा बोलता भी था| अकबर को तोता पसंद आ गया और उन्होंने उसे खरीद लिया|

अकबर ने बीरबल पर व्यंग्य करते हुए कहा – “बीरबल, तुम सिर्फ बातों के तीरंदाज हो, अगर तीन-कमान पकड़कर तीरदांजी करनी पड़े तो हाथ-पांव फूल जाएंगे|”

बादशाह अकबर की अंगूठी गुम हो गई| बादशाह ने बहुत तलाश की किंतु अंगूठी नहीं मिली| उन्होंने इस बात का जिक्र बीरबल से किया तो उसने पूछा – “हुजूर, आपको याद है, आपने अंगूठी कब उतारी थी?”

बादशाह अकबर बीरबल को बहुत मानते थे| बीरबल बड़े बुद्धिमान थे और अपनी विनोदपूर्ण बातों से बादशाह को प्रसन्न रखते थे| अकबर और बीरबल के विनोद की बहुत-सी बातें प्रचलित हैं| उनमें से कुछ बातें बड़े काम की हैं| एक घटना हम यहाँ सुना रहे हैं|