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भजन संग्रह

ॐ जय श्री राधा
ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण
श्री राधा कृष्णाय नमः ..

ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई

अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं…
कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं…

अब कृपा करो श्री राम नाथ दुख टारो।
इस भव बंधन के भय से हमें उबारौ।

अब समझे सबसे बड़ा साँई नाम
सबसे बड़ा साँई नाम  अब समझे…………

अर्थ न धर्म न काम रुचि, पद न चहहुं निरवान |
जनम जनम रति राम पद, यह वरदान न आन ||

अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम

आओ आओ यशोदा के लाल .
आज मोहे दरशन से कर दो निहाल .

आराध्य श्रीराम त्रिकुटी में .
प्रियतम सीताराम हृदय में ..

इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले (२)

इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले

इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न

उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े .
भव पार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े ..

ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐसे हो हमारे करम

ऐ मेरे ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की
शिरडी के साँई महाराज 2 झोलियाँ भरो सब की

ऐसा राम हमारे आवै ।

बार पार कोइ अंत पावै ॥टेक॥

ऐसी सुबह न आए न आए ऐसी श्याम
जिस दिन जुबान पे मेरी आए न साई का नाम

ओ कान्हा, अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान,
में हु तेरी, प्रेम दीवानी, मुझको तुम पहचान,
मधुर सुना दो तान..

ओ पालनहारे निरगुन और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनों नाहीं..

कन्हैया कन्हैया तुझे आना पड़ेगा,
आना पड़ेगा .
वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा ..

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना….

कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना….

करुणा भरी पुकार सुन
करुणा भरी पुकार सुन अब तो पधारो मोहना ..

काम मेरा है चाहत करूं दीद की, रुख़ से पर्दा हटाना तेरा काम है
काम है मेरा साँई तुझे देखना, आगे जलवा दिखाना तेरा काम है

किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला – 2
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला

किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला – 2
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला

कोई कहियौ रे प्रभु आवनकी
आवनकी मनभावन की।

कोई कहे संत तुझको कोई फ़कीर रे
मुझे मेरा साई लागे सबसे अमीर रे

कौन आता है शिरडी मेरे लिये,
सभी आते यहां पे अपने लिये,

कौशल्या रानी अपने लला को दुलरावे
सुनयना रानी अपनी लली को दुलरावे

जय बोलो जय बोलो
गणपति बप्पा की जय बोलो।

गली तो चारों बंद हु हैं मैं हरिसे मिलूं कैसे जाय॥

गाइये गणपति जगवंदन | शंकर सुवन भवानी के नंदन ॥
गाइये गणपति जगवंदन …

गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये ।
जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये॥

गुरु चरनन में ध्यान लगाऊं।
ऐसी सुमति हमे दो दाता ॥

गुरु चरनन मे शीश झुकाले
जनम सफल हो जायेगा

गुरु बिन कौन सम्हारे ।
को भव सागर पार उतारे ॥

गुरु मेरी पूजा , गुरु गोविन्द ..
गुरु मेरा पार ब्रह्म , गुरु भगवंत..

गौरीनंदन गजानना हे दुःखभंजन गजानना .

घूँघट का पट खोल रे,
तोहे पिया मिलेंगे।

चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे

छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल

जग मग जग ये डोल रहा है (२), आसन से मत डोलो

जग मे सुंदर हैं दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम (३)
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम (३)

जग मे सुंदर हैं दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम (३)
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम (३)

जगजननी जय! जय! माँ! जगजननी जय! जय!
भयहारिणी, भवतारिणी, भवभामिनि जय जय। जगजननी ..

जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनियां छूटी जाय
हम आऐ सांई के द्वारे धरती कहीं भी जाय

ज़माना अगर छोड़ दे बेसहारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है-2
हर इक जन अगर कर भी लेगा किनारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है

जमाने ने कहा टूटी हुई तश्वीर बनती है,
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तक्दीर बनती है…

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
तुम को निस दिन ध्यावत

जय कृष्ण हरे
जय कृष्ण हरे श्री कृष्ण हरे .
दुखियों के दुख दूर करे जय जय जय कृष्ण हरे .. 

जय जय गिरिबरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥

जय जय गिरिबरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥

जय जय शंकर जय शिव शंकर जय सांई गोपाला

जय जय शंकर जय शिव शंकर जय सांई गोपाला  

जय राम रमारमनं शमनं . भव ताप भयाकुल पाहि जनं ..
अवधेस सुरेस रमेस विभो . शरनागत मांगत पाहि प्रभो ..

जा को राखे साईयाँ मार सके न कोय.
बाल न बाका कर सके जो जग बैरी होय.

जागो बंसीवारे ललना
जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे ..

जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ..

जानकी नाथ सहाय करें
जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ..

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाये तरुवर कि छाया

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को…

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को…

जो घट अंतर
जो घट अंतर हरि सुमिरै .
ताको काल रूठि का करिहै जे चित चरन धरे ..

जो भजे हरि को सदा
जो भजे हरि को सदा सो परम पद पायेगा ..

जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं.
ये उनका रूप अनोखा है तेरी नज़रों का धोखा है.

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आए जो दीन दुखी सबको गले से लगाते चलो ..

ठुमक चलत रामचंद्र बाजत पैंजनियां ॥

तकदीर के मारे बन्दों को शिरडी में बुलालो हे साँई
बड़ा जग की बलाएं घूर रहीं हमें उनसे बचालो हे साँई

तन मन की सूद बिसर गई है सम मुख साई नाथ खड़े है
साई नाथ साई नाथ साई नाथ

तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
ओ सांई नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया

तुझ में ही सब को पाके तुझ में ही मन रमा के
में तुम्ही से साई बाबा में तुम्ही को मांग लूँगा

तुने मुझे बुलाया साईनाथ रे
में आया में आया साईनाथ रे

तुने मेरी जीवन नैया दरिया पार है लायी
मेरे साई ओ मेरे साई मेरे साई

तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी |
दुख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ||

म्हारे घर आ प्रीतम प्यारा॥

तुम बिन मेरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी ।

तुम सागर ठहरे हम गागर ठहरे,हाये प्राण तुम्हीं को ध्याएँ
मोहे झलक दिखादो साँई मोहे झलक दिखादो साँई

तू मारे या तारे – 2 साँई बाबा हम हैं दास तुम्हारे

तू ही बन जा
तू ही बन जा मेरा मांझी पार लगा दे मेरी नैया .

तू ही माता तू ही पिता है, तू ही माता तू ही पिता है
तू ही तोह है राधा का श्याम साई राम साई श्याम

तूने रात गँवायी सोय के दिवस गँवाया खाय के .
हीरा जनम अमोल था कौड़ी बदले जाय ..

तूने रात गँवायी सोय के, दिवस गँवाया खाय के।
हीरा जनम अमोल था, कौड़ी बदले जाय॥