को माता को पिता हमारे

भजन - श्री कृष्ण जी - को माता को पिता हमारे

को माता को पिता हमारे ।

कब जनमत हमको तुम देख्यो,
हँसी लगत सुन बैन तुम्हारे ।

कब माखन चोरी कर खायो,
कब बांधे महतारी ।
दुहत कौन सी गइया चारत,
बात कही जे भारी ।
तुम जानत मोहि नंद ढ़िठौना,
नंद कहा ते आये ।।

हम पूरन अविगत अविनासी,
माया ठगनी भुलाये ।
ये सुन ग्वालिन सब मुस्कानी,
हरष मगन हो उठाये ।
सूर श्याम जो निठुरैं सबहीं,
मात पिता हूँ नहीं माने ।

 

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