एक बार एक भूखा-प्यासा कौआ कहीं से उड़ता हुआ आया और एक घर की मुंडेर पर विश्राम करने के लिए बैठ गया|
एक वन में तीन विशालकाय और शक्तिशाली सांड रहते थे, जो आपस में गहरे मित्र थे| मित्रता इतनी गहरी थी कि एक अकेला सांड बिना अपने दो मित्रों के घास चरने नहीं जाता था| यही कारण था कि उनकी आपसी शक्ति तीन गुना अधिक थी| तीनों जंगल के स्वच्छंद वातावरण में घास खाकर काफी मोटे-तगड़े हो गए थे|
एक व्यक्ति जब पूरे विश्व की यात्रा कर घर वापस लौटा तो लोगों की भीड़ ने उसे घेर लिया| कई दिनों से यही सिलसिला जारी था| वह व्यक्ति अपनी यात्रा के अनुभव खूब बढ़ा-चढ़ा कर उन्हें सुनाता| चूंकि उसके कस्बे के लोग विदेश तो क्या कस्बे से बाहर भी नहीं गए थे|
किसी नगर में सड़क के किनारे एक ज्योतिषी बैठा करता था| लोगों का भविष्य बताकर वह जो धन कमाता, उसी से उसका जीवन-यापन होता था|
एक बार गांव के कुछ कुत्ते शहर से होकर गुजर रहे थे कि शहरी कुत्तों के एक झुंड ने उन पर हिंसक हमला कर दिया|
एक यात्री किसी गांव की सड़क पर जा रहा था| कड़ाके की ठंड पड़ रही थी| अचानक यात्री ने रास्ते में झाड़ियों के नीचे एक सांप सर्दी से ठिठुरा हुआ देखा| उसका पूरा शरीर ठंड से ऐंठ-सा गया था और वह करीब-करीब मरणासन्न हो रहा था|
एक बार एक विशाल बरगद के पेड़ पर हजारों पक्षी सभा करने के लिए एकत्रित हुए| विषय था – “पक्षियों की रानी कौन हो?”
प्राचीनकाल की बात है| देवताओं के राजा इंद्र ने विवाह करने की ठानी| उन्होंने सोचा कि यह विवाह इतनी आन-बान और शान से होना चाहिए कि युगों-युगों तक उसकी चर्चा होती रहे| ऐसा तभी हो सकता था, जब हर प्राणी उस शादी में शामिल होता और उसे अपनी आंखों से देखता|
एक मादा केकड़े ने अपने बेटे को तिरछा चलता देखकर कहा – “बेटे! तुम इस प्रकार तिरछे चलते समय बिलकुल मुर्ख नजर आते हो| अरे अपनी सीध में क्यों नहीं चलते?”
किसी जंगल में एक भेड़िया रहता था| एक बार उसे कई दिनों तक भोजन नहीं मिला| बेचारा दुबला और कमजोर हो गया|
पुराने जमाने की बात है| किसी गांव में एक गधा रहता था| उसका मालिक उस पर बहुत अधिक बोझ लादता था और आसपास के बाजारों में ले जाकर बेचता था|
बहुत समय पहले की बात है| जंगल का राजा शेर बूढ़ा होकर काल के गाल में समा गया| राजा की मृत्यु के बाद जंगल के सभी जानवरों ने नया राजा चुनने के लिए एक सभा की|राजा बनने के लिए बहुत से जानवर उतावले थे, मगर कोई भी इस पद के योग्य नहीं पाया गया|
एक समय की घटना है कि बहुत बड़ी संख्या में खरगोश एक स्थान पर एकत्रित हुए और उन्होंने अपने कष्टपूर्ण जीवन के विषय में विचार-विमर्श किया|
एक बुद्धिमान लवा पक्षी का परिवार पके धान के खेतों में रहता था| उनका घोंसला बहुत आरामदेह था| परिवार में सभी सदस्यों में अथाह प्रेम था|
किसी नगर में एक धनवान व्यक्ति रहता था| उसके पास अपार भू-सम्पत्ति थी| परंतु वह बेहद कंजूस था| पदार्थों में सबसे कीमती पदार्थ सोना तो उसे बेहद प्रिय था| सोने की यह प्यास उसमें इतनी बढ़ी कि उसने अपनी जमीन-जायदाद बेचकर सोने के बिस्कुट खरीद लिए|
एक बार एक शिकारी ने एक चमगादड़ को पकड़ लिया| वह उसे मारकर खाने ही चला था कि चमगादड़ चिंचिया कर बोला – “कृपया मेरी जान बख्श दो! मेरे छोटे-छोटे बच्चे घर पर मेरी प्रतीक्षा कर रहे होंगे| मुझ पर दया करो|”
एक बार पक्षियों का एक झुण्ड किसी खेत के ऊपर से उड़ता हुआ जा रहा था| उसी झुण्ड में एक अबाबील भी थी| कहते हैं कि अबाबील एक दूरदर्शी पक्षी है| पक्षियों ने किसान को खेत में बीज बोते देखा|
एक समय की बात है, सूर्य और हवा में यह बहस छिड़ गई कि उन दोनों में कौन अधिक शक्तिशाली है| हवा ने सूर्य से कहा – “मैं तुमसे अधिक शक्तिशाली हूं|”
एक घने जंगल में देवदार का एक विशाल पेड़ था|
एक किसान था, जो भुलक्कड़ था| उसके पास छ: गधे थे| वह उन गधों पर अपने खेत की फसल लादकर ले जाता और मंडी में बेचा करता|
किसी दम्पति के पास एक अद्भुत मुर्गी थी| ‘अद्भुत’ इसलिए कि वह प्रतिदिन सोने का एक अंडा देती थी| ऐसी जादुई मुर्गी पाकर वे बहुत प्रसन्न थे तथा अपने को भाग्यशाली समझते थे| सोने का अंडा बेच-बेचकर उन्होंने बहुत-सा धन इकट्ठा कर लिया था|
किसी जंगल में एक अत्यधिक चतुर लोमड़ी रहती थी| उसे दूसरों को मुर्ख बनाने में बहुत आनन्द मिलता था|
एक सिंह भूख से तड़प रहा था| कई दिनों से उसे भोजन नहीं मिला था|
किसी गधे को सिंह की खाल मिल गई| उसने सोचा – ‘अगर मैं इस खाल को ओढ़ लूं तो मजा आ जाएगा! जंगल के सभी जानवर मुझे सिंह समझकर डर जाएंगे|’
एक समय की बात है, एक लोमड़ी घूमते-घूमते एक कुएं के पास पहुंच गई| कुएं की जगत नहीं थी| उधर, लोमड़ी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया| परिणाम यह हुआ कि बेचारी लोमड़ी कुएं में गिर गई|
एक बार बड़ी ही भयानक गरमी पड़ रही थी|
दो मित्र थे – खरगोश और कछुआ| खरगोश अपनी तेज तथा कछुआ अपनी धीमी चाल के लिए प्रसिद्ध था| एक बार दोनों आपस में बातें कर रहे थे| खरगोश कछुए की धीमी गति का मजाक उड़ाने लगा| कछुआ खरगोश की बातें सुनकर चिढ़ गया, मगर फिर भी बोला – “मैं धीमी गति से चलता हूं तो क्या हुआ, यदि हमारी आपसी दौड़ हो जाए तो मैं पराजित कर दूंगा|”
यह किसी तालाब के किनारे की घटना है| एक मेंढ़क का बच्चा पहली बार पानी से बाहर आया| तालाब से कुछ दूर एक भीमकाय सांड़ घास चर रहा था| मेंढ़क के बच्चे ने तो कभी भी इतना भयानक एवं भीमकाय जानवर नहीं देखा था| बेचारा समझ नहीं पा रहा था कि वह है क्या?
एक बार एक छोटा-सा चूहा एक सिंह की मांद में घुस गया| सिंह उसे देखकर बहुत क्रोधित हुआ और गरजकर बोला – “तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरी आज्ञा के बिना मेरी गुफा में घुसने की? मैं तुम्हें जान से मार दूंगा|”
किसी गांव में एक कुत्ता रहता था| वह झगड़ालू स्वभाव का था| एक दिन की घटना है कि वह एक अस्तबल में घुस गया और चारे की एक नांद पर चढ़ कर बैठ गया| उसे वह स्थान इतना पसंद आया कि वह दिन भर वहीं लेटा रहा|