Homeशिक्षाप्रद कथाएँजैसी मां वैसी संतान – शिक्षाप्रद कथा

जैसी मां वैसी संतान – शिक्षाप्रद कथा

जैसी मां वैसी संतान - शिक्षाप्रद कथा

एक मादा केकड़े ने अपने बेटे को तिरछा चलता देखकर कहा – “बेटे! तुम इस प्रकार तिरछे चलते समय बिलकुल मुर्ख नजर आते हो| अरे अपनी सीध में क्यों नहीं चलते?”

“मां!” केकड़े का बच्चा बोला – “कैसे चलूं? तुम पहले अपनी सीध में चल कर तो दिखाओ| जैसे तुम चलोगी, मैं भी वैसा ही करूंगा| मुझसे कहने से पहले तुम्हें खुद उस चाल का उदाहरण देना चाहिए|”

शिक्षा: दूसरों की कमियां देखने से पहले अपने आपको देखो|

 

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