(1) प्रभु का स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है :-
विश्व भर में जो धर्म के नाम पर लड़ाई-झगड़ा हो रहा है, उसके पीछे एकमात्र कारण हमारा अज्ञान है। प्रायः लोग कहते हैं कि प्रभु का स्मरण करने के अलग-अलग धर्म के अलग-अलग रास्ते हैं किन्तु मंजिल एक है। सभी धर्मों के पवित्र ग्रन्थों के अध्ययन के आधार पर हमारा मानना है कि प्रभु को स्मरण करने का रास्ता भी एक है तथा मंजिल भी एक है। प्रभु की इच्छा व आज्ञा को जानना तथा उस पर दृढ़तापूर्वक चलते हुए प्रभु का कार्य करना ही प्रभु को स्मरण करने का एकमात्र रास्ता है। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की स्कूल प्रेयर बहुत गहरी है – हे ईश्वर, तुने मुझे इसलिए उत्पन्न किया है कि मैं तुझे जाँनू तथा तेरी पूजा करूँ। हमारा जीवन केवल दो कामों के लिए (पहला) प्रभु की शिक्षाओं को भली प्रकार जानने तथा (दूसरा) उसकी पूजा (अर्थात प्रभु का कार्य ) करने के लिए हुआ है। सभी पवित्र ग्रन्थों गीता, त्रिपटक, बाईबिल, कुरान, गुरूग्रन्थ साहिब, किताबे अकदस की शिक्षायें एक ही परमात्मा की ओर से आयी हैं तथा हमें उसी एक परमात्मा का कार्य करने की प्रेरणा भी देती हैं। हम मंदिर, मस्जिद, गिरजा तथा गुरूद्वारा कहीं भी बैठकर पूजा, इबादत, प्रेयर, पाठ करें, उसको सुनने वाला परमात्मा एक ही है। इस प्रकार हम सब एक है, ईश्वर एक है तथा धर्म एक है।