शिव का यतिनाथ रूप (भगवान शिव जी की कथाएँ) – शिक्षाप्रद कथा
प्राचीन समय में अर्बुद नामक पर्वत के पास आहुक नाम का एक भील रहता था| उसकी पत्नी का नाम आहुका था|
प्राचीन समय में अर्बुद नामक पर्वत के पास आहुक नाम का एक भील रहता था| उसकी पत्नी का नाम आहुका था|
विश्रवा मुनि का पुत्र रावण महान शूरवीर तथा विद्वान था| अपने पिता से उसने वेदों और शास्त्रों का अध्ययन किया हुआ था|
एक बार पृथ्वी पर जल-वृष्टि न होने के कारण चारों ओर अकाल फैला हुआ था| सरिता, ताल-तलैया और सरोवर सूख गए थे|
महाराज सगर के साठ हजार पुत्र कपिल मुनि की क्रोधाग्नि से भस्म हो गए थे|
शिव की पहली पत्नी थीं सती| यह विवाह उन्होंने सती के पिता दक्ष की इच्छा के विरुद्ध किया था|
दक्ष प्रजापति की कई पुत्रियां थीं| सभी पुत्रियां गुणवती थीं, पर दक्ष के मन में संतोष नहीं था|
किसी गांव में एक निर्धन ब्राह्मण अपनी पत्नी और पुत्र के साथ रहता था| ब्राह्मण को गांव से जो भिक्षा मिलती, उसी से वह अपने परिवार का भरण-पोषण करता था|
इक्ष्वाकु कुल में बहुत पहले एक पुण्यात्मा राजा राज्य करता था| उसका नाम मित्रसह था| वह बहुत धीर-वीर और श्रेष्ठ धनुर्धारी था|
एक समय की बात है कि देवर्षि नारद ने विषय-वासनाओं पर विजय प्राप्त करने के लिए परब्रह्म की कठोर साधना की|
एक बार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मृकंडु मुनि ने कठोर तपस्या की| उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए|