राए बुलार को उपदेश देना – साखी श्री गुरु नानक देव जी
राय बुलार ने श्री गुरु नानक देव जी से ऐसे उपदेश कि मांग की जिससे उनका जन्म-मरण मिट जाए|
राय बुलार ने श्री गुरु नानक देव जी से ऐसे उपदेश कि मांग की जिससे उनका जन्म-मरण मिट जाए|
श्री गुरु नानक देव जी माता-पिता व राए बुलार आदि को मिलकर कुछ दिनों पश्चात् बोले-मरदाने को साथ लेकर मुलतान की ओर चल दिए|
सज्जन ठग को सच्चा ठग बनाकर गुरु जी पाकपटन शेख ब्रह्म के साथ ज्ञान चर्चा करके कुरुक्षेत्र पहुंच गए| उस समय लोग सूर्यग्रहण के मेले के लिए दूर-दूर से आए थे|
गुरु जी जब मथुरा और वृंदावन पहुंचे तो आपने देखा कि लोग राजे रानियों और कृष्ण गोपियों के सांग बनाकर रास लीला करते, नाचते व कूदते है| उनकी यह दशा देखकर गुरु जी ने शब्द का उच्चारण किया|
दिल्ली का बादशाह सिकंदर लोधी बहुत अत्याचारी था| उसने भक्त कबीर, सधना व नामदेव आदि भक्तों को कष्ट दिए व अनेक ही फकीरों को करामात दिखाने के लिए कैद किया हुआ था|
श्री गुरु नानक देव जी मरदाने के साथ बनारस की तरफ जा रहे थे तो मरदाने को भूख लगी| गुरु जी से कहने लगे महाराज! जंगलों और पहाड़ों में घूम रहे हो मुझे बहुत भूख लगी है|
श्री गुरु नानक देव जी योगियों के प्रसिद्ध स्थान गोरखमते पहुंचे| वहां उन्होंने उनके डेरे से कुछ दूर बैठकर कीर्तन आरम्भ कर दिया|
गुरु जी कटक शहर में पहुंच कर भैरों मन्दिर के पास आकर बैठ गए| आप अडोल रहे तो पुजारी ने आपको शक्तिशाली मानकर भूल की क्षमा मांगी|
श्री गुरु नानक देव जी आगरा पहुंचे| यहां एक माई जस्सी श्री रामचन्द्र की मूर्ति की पूजा करती थी| वह साथ-साथ वीणा बजाती व साथ-साथ गायन करती|
बदायूँ के क्षेत्र में रुहेले सरदार ने कुछ व्यक्तियों को गुलाम बना लिया| गुरु जी अपने एक सिक्ख भाई ‘हरा’ की रुहेले सरदार की कैद से मुक्ति कराने गए|