रीठे मीठे करने – साखी श्री गुरु नानक देव जी

रीठे मीठे करने

श्री गुरु नानक देव जी मरदाने के साथ बनारस की तरफ जा रहे थे तो मरदाने को भूख लगी| गुरु जी से कहने लगे महाराज! जंगलों और पहाड़ों में घूम रहे हो मुझे बहुत भूख लगी है|

“रीठे मीठे करने – साखी श्री गुरु नानक देव जी” सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio

अगर कुछ खाने को प्राप्त हो जाए तो चलने के योग्य हो जाऊंगा| गुरु जी उस समय रीठे के वृक्ष के नीचे आराम कर रहे थे| आप जी ने फलों से भरे वृक्ष देखकर कहा, मरदाना अगर तुझे भूख लगी है तो इस टहनी पर लगे रीठे को खा लो|

जब गुरु की आज्ञानुसार मरदाने ने रीठे गिरा कर खाए तो वह छुहारे जैसे मीठे थे| उसने पेटभर कर खाए| इस वृक्ष के रीठे आज भी मीठे है, जो प्रसाद के रूप में नानक मते जाने वाले प्रेमियों को दिए जाते है| मीठा रीठा नानक मते से पूर्व दिशा की तरफ ४५ मील दूर है|

श्री गुरु नानक देव जी – जीवन परिचय

 

श्री गुरु नानक देव जी – ज्योति ज्योत समाना

Khalsa Store

Click the button below to view and buy over 4000 exciting ‘KHALSA’ products

4000+ Products