HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 155)

दरबार में किसी बात पर बहस हो रही थी| बहस के दौरान बीरबल कुछ ऊंची आवाज में बोल गया, जो बादशाह अकबर को अच्छा नहीं लगा| उन्होंने बीरबल से कहा – “बीरबल, यह अच्छी बात नहीं है, तुम्हारा व्यवहार दिन-ब-दिन बिगड़ता ही जा रहा है पहले तो तुम ऐसे न थे, तुम्हें अब क्या हो गया है?”

ईरान में आक्रमणकारियों के आक्रमण से प्राण-रक्षा के लिए पारसी अग्निपूजक सातवीं शताब्दी में भारत के गुजरात प्रदेश में पहुँचे| गुजरात में उन दिनों राजा जाधव राणा का शासन था|

महाभारत विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य है। इसमें एक लाख से ज्यादा श्लोक हैं। महर्षि वेद व्यास के मुताबिक यह केवल राजा-रानियों की कहानी नहीं बल्कि धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की कथा है। इस ग्रंथ को लिखने के पीछे भी रोचक कथा है। कहा जाता है कि ब्रह्मा ने स्वप्न में महर्षि व्यास को महाभारत लिखने की प्रेरणा दी थी।

अकबर का एक दूध भाई था| अकबर ने जिस आया का दूध पिया था उसके पुत्र को अकबर दूध भाई कहते थे| एक बार बादशाह अकबर ने बीरबल को चिढ़ाने के उद्देश्य से पूछा – “बीरबल, मेरा तो एक दूध भाई है, क्या तुम्हारा भी कोई दूध भाई है?”

विश्वविजय का सपना लेने वाला यूनान का सम्राट सिकंदर महान् बहुत अधिक अभिमानी था| वह यह सहन नहीं कर सकता था कि कोई उसके सम्मुख गर्व से सिर उठाए|

किसी जंगल में हिरन और कौआ दो बहुत गहरे मित्र रहते थे| एक दिन जब हिरन जंगल से लौटा तो उसके साथ एक गीदड़ भी था| कौआ सोचने लगा कि यह मक्कार इसके साथ कैसे? यही प्रश्न उसने हीरन से पूछा|

भगवान गणेश के संबंध में यूँ तो कई कथाएँ प्रचलित है किंतु उनके गजानन गणेश कहलाने और सर्वप्रथम पूज्य होने के संबंध में जग प्रसिद्ध कथा यहाँ प्रस्तुत है।


Fatal error: Uncaught wfWAFStorageFileException: Unable to verify temporary file contents for atomic writing. in /home3/spiritu/public_html/wp-content/plugins/wordfence/vendor/wordfence/wf-waf/src/lib/storage/file.php:51 Stack trace: #0 /home3/spiritu/public_html/wp-content/plugins/wordfence/vendor/wordfence/wf-waf/src/lib/storage/file.php(658): wfWAFStorageFile::atomicFilePutContents('/home3/spiritu/...', '<?php exit('Acc...') #1 [internal function]: wfWAFStorageFile->saveConfig('livewaf') #2 {main} thrown in /home3/spiritu/public_html/wp-content/plugins/wordfence/vendor/wordfence/wf-waf/src/lib/storage/file.php on line 51