माँ की शिक्षा
कहा जाता है कि जब प्राचीन भारत के एक राजा गोपीचन्द ने दुनिया की ऐशो-इशरत से तंग आकर अपना राज्य छोड़ दिया और गोरखनाथ के पास योगी बनने के लिए चला गया तो गोरखनाथ ने उसे योग की दीक्षा दे दी|
कहा जाता है कि जब प्राचीन भारत के एक राजा गोपीचन्द ने दुनिया की ऐशो-इशरत से तंग आकर अपना राज्य छोड़ दिया और गोरखनाथ के पास योगी बनने के लिए चला गया तो गोरखनाथ ने उसे योग की दीक्षा दे दी|
राबिया बसरी एक बहुत मशहूर फ़क़ीर हुई है| जवानी में वह बहुत ख़ूबसूरत थी| एक बार चोर उसे उठाकर ले गये और एक वेश्या के कोठे पर ले जाकर उसे बेच दिया| अब उसे वही कार्य करना था जो वहाँ की बाकी औरतें करती थीं|
चार अलग-अलग मुल्कों के आदमी इकट्ठे हुए| उन्होंने मिलकर सलाह की कि कोई काम करें| उन्होंने कुछ ज़मीन ख़रीद ली| उनमें से एक मध्य भारत का था|
एक बार जब कृष्ण जी विदुर के घर गये, उस समय वह घर पर नहीं थे| उनकी पत्नी नहा रही थी| द्वार पर कृष्ण जी ने आवाज़ दी|
गुरु अर्जुन साहिब के वक़्त दो व्यक्ति, पिता और पुत्र, अच्छे प्रेमी और शब्द के अभ्यासी थे| पिता का नाम संमन और पुत्र का नाम मूसन था|
एक बार का जिक्र है कि एक बहुत बड़ा चोर था| जब वह मरने लगा तो उसने अपने बेटे को बुलाकर नसीहत दी कि अगर तुझे चोरी करनी है तो किसी गुरुद्वारा, धर्मशाला या धर्म-स्थान में न जाना, बल्कि इनसे दूर ही रहना|