अध्याय 240
1 [वयास]
मनः परसृजते भावं बुद्धिर अध्यवसायिनी
हृदयं परियाप्रिये वेद तरिविधा कर्मचॊदना
“Yudhishthira said, ‘Thou hast said, O grandsire, that behaviour is thefirst (of requisites for a man). Whence, however, does Hope arise? Tellme what it is. This great doubt has taken possession of my mind.
आपने जम्मू की वैष्णो माता का नाम अवश्य सुना होगा। आज हम आपको इन्हीं की कहानी सुना रहे हैं, जो बरसों से जम्मू-कश्मीर में सुनी व सुनाई जाती है। कटरा के करीब हन्साली ग्राम में माता के परम भक्त श्रीधर रहते थे। उनके यहाँ कोई संतान न थी।
1 अर्जुन उवाच
संन्यासं कर्मणां कृष्ण पुनर यॊगं च शंससि
यच छरेय एतयॊर एकं तन मे बरूहि सुनिश्चितम
“Sanjaya said, ‘Beholding the mighty-armed Ghatotkacha, O king,proceeding towards the car of Suta’s son, Karna for slaughtering him inbattle, thy son Duryodhana addressing Duhsasana, said these words,
सलाद के रूप में सम्पूर्ण विश्व में खीरा का विशेष महत्त्व है। खीरा को सलाद के अतिरिक्त उपवास के समय फलाहार के रूप में प्रयोग किया जाता है। शरीर की भीतरी शुद्धि हो या बाहरी ठंडक, खीरा हर तरह से लाजवाब होता है। सलाद के रूप में सम्पूर्ण विश्व में खीरा का विशेष महत्त्व है। खीरा को सलाद के अतिरिक्त उपवास के समय फलाहार के रूप में प्रयोग किया जाता है।
1 [स]
ततः कर्णः कुरुषु परद्रुतेषु; वरूथिना शवेतहयेन राजन
पाञ्चाल पुत्रान वयधमत सूतपुत्रॊ; महेषुभिर वात इवाभ्रसंघान
“Vaisampayana said, ‘Living in such disguise, those mighty warriors, thesons of Pritha, passed ten months in Matsya’s city.
“Yudhishthira said,–“Intelligent as thou art, thou hast said what noneelse is capable of saying. There is none else on earth who is settler ofall doubts. Behold, there are kings in every province employed inbenefiting their respective selves. But no one amongst them hath beenable to achieve the imperial dignity.