Chapter 22
1 Thou shalt not see thy brother’s ox or his sheep go astray, and hide thyself from them: thou shalt surely bring them again unto thy brother.
1 Thou shalt not see thy brother’s ox or his sheep go astray, and hide thyself from them: thou shalt surely bring them again unto thy brother.
प्रबल प्रेम के पाले
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा .
अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा ..
“Gandhari said, Behold that irresistible ruler of the Kambojas, thatbull-necked hero, lying amid the dust, O Madhava, though deserving ofbeing stretched at his ease on Kamboja blankets.
चित्रनगर में वीरवर नामक एक रथकार रहता था| वह सीधा-सादा और व्यवहार-कुशल था| वह जितना भोला था, उसकी पत्नी कामदमनी उतनी ही दुष्ट और चरित्रहीन थी| उसकी दुष्टता के चर्चे हर किसी की जुबान पर थे| वीरवर पत्नी के दुराचरण से बहुत दुखी था|
1 [बराह्मण]
आश्चर्यं नात्र संदेहः सुप्रीतॊ ऽसमि भुजंगम
अन्वर्थॊपगतैर वाक्यैः पन्थानं चास्मि दर्शितः
हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है। सरस्वती जी को वाग्देवी के नाम से भी जाना जाता है। सरस्वती जी को श्वेत वर्ण अत्यधिक प्रिय होता है। श्वेत वर्ण सादगी का परिचायक होता है। हिन्दू धर्म के अनुसार श्री कृष्ण जी ने सर्वप्रथम सरस्वती जी की आराधना की थी। सरस्वती जी की पूजा साधना में निम्न चालीसा का विशेष महत्त्व है।