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श्री कृष्ण जी के भजन (47)

ॐ जय श्री राधा
ॐ जय श्री राधा जय श्री कृष्ण
श्री राधा कृष्णाय नमः ..

आओ आओ यशोदा के लाल .
आज मोहे दरशन से कर दो निहाल .

इतना तो करना स्वामी, जब प्राण तन से निकले (२)

कन्हैया कन्हैया तुझे आना पड़ेगा,
आना पड़ेगा .
वचन गीता वाला निभाना पड़ेगा ..

कभी राम बनके कभी श्याम बनके चले आना प्रभुजी चले आना….

करुणा भरी पुकार सुन
करुणा भरी पुकार सुन अब तो पधारो मोहना ..

किसी का राम किसी का श्याम किसी का गोपाला – 2
जाकि जैसी भक्ति बाबा – 2 वैसा ही रंग डाला

छोटी छोटी गैयाँ, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो मदन गोपाल

जग मे सुंदर हैं दो नाम चाहे कृष्ण कहो या राम (३)
बोलो राम राम राम, बोलो शाम शाम श्याम (३)

जय कृष्ण हरे
जय कृष्ण हरे श्री कृष्ण हरे .
दुखियों के दुख दूर करे जय जय जय कृष्ण हरे .. 

जागो बंसीवारे ललना
जागो बंसीवारे ललना जागो मोरे प्यारे ..

तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी |
दुख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ||

तुम बिन मेरी कौन खबर ले,
गोवर्धन गिरधारी ।

तू ही बन जा
तू ही बन जा मेरा मांझी पार लगा दे मेरी नैया .

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे ..

दर्शन दो घन्श्याम
दर्शन दो घन्श्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे ..

तुम कहाँ छुपे भगवान करो मत देरी |
दुख हरो द्वारकानाथ शरण मैं तेरी ||

नंद बाबाजी को छैया वाको नाम है कन्हैया .
कन्हैया कन्हैया रे ..

नाच्यो बहुत गोपाल अब मैं
नाच्यो बहुत गोपाल ,

प्रबल प्रेम के पाले
प्रबल प्रेम के पाले पड़ कर प्रभु को नियम बदलते देखा .
अपना मान भले टल जाये भक्त मान नहीं टलते देखा ..

बनवारी रे
जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनिया वालों से क्या काम रे

बंशी बजाके श्याम ने दीवाना कर दिया
अपनी निगाहें-नाज़ से……..२ मस्ताना कर दिया .

महियारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया..

माखन चोर , नन्द किशोर, मन मोहन, घनश्याम रे
कितने तेरे रूप रे कितने तेरे नाम रे

मुकुन्द माधव गोविन्द
मुकुन्द माधव गोविन्द बोल
केशव माधव हरि हरि बोल ..

मैं तो तेरी जोगन रे ; हे घनश्याम मेरे !
तेरे बिन कोई नहीं मेरा रे ; हे श्याम मेरे !!

भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहि पठायो ।
चार पहर वंशीवट भटक्यो, सांझ परे घर आयो ॥
॥ मैया मोरी ………. १ ॥

मैया यशोदा ये तेरा कन्हैया
पनघट पे मेरी पकड़े है बैंयां

श्याम पिया मोरे रंग दे  चुनरिया (2)
रंग दे चुनरिया (2)
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया  (2)

राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी,
की बृज की कहानी हो गयी
एक भोली भाली गौण की ग्वालीन ,
तो पंडितों की वानी हो गई

राधा रास बिहारी
मोरे मन में आन समाये ।

राधे राधे , राधे राधे ,
राधे राधे , राधे राधे

वो काला एक बांसुरी वाला
सुध बिसरा गया मोरी रे

श्याम आये नैनों में
बन गयी मैं साँवरी

श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम..
लोग करें मीरा को यूँही बदनाम..

श्री राधा कृष्णाय नमः ..
श्री राधा कृष्णाय नमः ..

साँचा नाम तेरा,
हो, साँचा नाम तेरा,
तू श्याम मेरा, साँचा नाम तेरा, तू श्याम मेरा,

हमें नन्द नन्दन मोल लियो
मोल लियो, मोल लियो ||

हरी नाम का प्याला हरे कृष्ण की हाला
ऐसी हाला पी पी करके, चला चले मतवाला

हे आनंद उमंग भयो
जय हो नन्द लाल की

हे गोविन्द राखो शरन
अब तो जीवन हारे