मैं हरि, पतित पावन सुने ।
मैं पतित, तुम पतित-पावन, दोउ बानक बने॥
मैया तेरा बना रहे दरबार
बना रहे दरबार मैया तेरा
भोर भयो गैयन के पाछे, मधुवन मोहि पठायो ।
चार पहर वंशीवट भटक्यो, सांझ परे घर आयो ॥
॥ मैया मोरी ………. १ ॥
मैया यशोदा ये तेरा कन्हैया
पनघट पे मेरी पकड़े है बैंयां
मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ .
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं ..
म्हारो प्रणाम बांकेबिहारीको।
म्हारे घर होता जाज्यो राज।
अबके जिन टाला दे जा सिर पर राखूं बिराज॥
या ब्रज में कछु देख्यो री टोना ।
ये गर्व भरा मस्तक मेरा
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2)
रंग दे चुनरिया (2)
श्याम पिया मोरे रंग दे चुनरिया (2)
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
रघुबर तुमको मेरी लाज
राणोजी रूठे तो म्हारो कांई करसी
म्हे तो गोविन्दरा गुण गास्यां हे माय॥
राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी,
की बृज की कहानी हो गयी
एक भोली भाली गौण की ग्वालीन ,
तो पंडितों की वानी हो गई
राधा ऐसी भयी श्याम की दीवानी,
की बृज की कहानी हो गयी
राधा रास बिहारी
मोरे मन में आन समाये ।
राधे राधे , राधे राधे ,
राधे राधे , राधे राधे
राधे राधे , राधे राधे ,
राधे राधे , राधे राधे
राम झरोखे बैठ के सब का मुजरा लेत ।
जैसी जाकी चाकरी वैसा वाको देत ॥
राम करे सो होय रे मनवा राम करे सो होये ॥
राम दो निज चरणों में स्थान
शरणागत अपना जन जान
राम बिनु तन को ताप न जाई।
जल में अगन रही अधिकाई॥
राम बिनु तन को ताप न जाई॥
राम बिराजो हृदय भवन में
तुम बिन और न हो कुछ मन में
राम मिलण के काज सखी मेरे आरति उर में जागी री।
राम राम काहे ना बोले ।
व्याकुल मन जब इत उत डोले।
राम राम राम राम राम राम रट रे ॥
भव के फंद करम बंध पल में जाये कट रे ॥
अंत में निकला ये परिणाम, ये परिणाम,
राम से बड़ा राम का नाम ..
राम हि राम बस राम हि राम ।
और नाहि काहू से काम।
राम हि राम बस …
रे दिल गाफिल गफलत मत कर
एक दिना जम आवेगा॥
रे मन हरि सुमिरन करि लीजै ॥टेक॥
रोम रोम में रमा हुआ है,
मेरा राम रमैया तू,
सकल सृष्टि का सिरजनहारा,
वैष्णव जन तो तेने कहिये जे
पीड़ परायी जाणे रे
वो काला एक बांसुरी वाला
सुध बिसरा गया मोरी रे
शंकर शिव शम्भु साधु संतन हितकारी ||
शमा करो साईं शमा करो
हर भूल को हमरी शमा करो
शाम सुबह बस एक ही नाम
शिरडी वाले सांई बाबा तू ही है एक हमारा
जो भी दर पर आता तेरे मिलता उसे सहारा
शुभ दिन प्रथम गणेश मनाओ
श्याम आये नैनों में
बन गयी मैं साँवरी
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम..
लोग करें मीरा को यूँही बदनाम..
श्याम तेरी बंसी पुकारे राधा नाम..
लोग करें मीरा को यूँही बदनाम..
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगत् हिताय ।
श्री राधा कृष्णाय नमः ..
श्री राधा कृष्णाय नमः ..
श्री साई नाम सुखदायी …
सखी मेरी नींद नसानी हो।
संग न छाँडौं मेरा पावन पीव ।
मैं बलि तेरे जीवन जीव ॥टेक॥
सरस्वती माँ शत् प्रणाम, घट में भर दे ऐसा ज्ञान।
करें देश सेवा का काम, पढ़ लिखकर हम पाएँ मान।
सर्व शक्तिमते परमात्मने श्री रामाय नमः ..
बोलो राम बोलो राम बोलो राम राम राम .
सहेलियां साजन घर आया हो।
बहोत दिनां की जोवती बिरहिण पिव पाया हो॥
सांई की मन भावन मूरत मन में है समाई – 2
सांई धुन की एक अजीब दीवानगी सी छायी – 2
साँई कैसा तेरा ये विधान न सब दिन एक समान
हे साँई बाबा हे साँई बाबा
साईं जी का द्वारा
स्वर्ग से प्यारा
साईं तेरी लीला कभी
समझ ना पाऊ मैं
सांई दया करना मेरे सांई कृपा करना – 2
श्रद्वा और सबुरी सांई – 2
साँई दीदार तेरा हो जाए
हम पे उपकार तेरा हो जाए
सांई नाम से प्रीत लगा
बोलो सांई जय जय सांई,
सांई रे .
घर घर में एक चोर सांई रे,
सांईईईईईईईईईईई ओ सांई ओ सांई
छोड़ के दुनिया मैं तेरी शरण में आया
साईनाथ तेरे हजारों हाथ..
साईराम अपनी कृपा से
साईराम अपनी कृपा से मुझे भक्ति दे .
साईराम अपनी कृपा से मुझे शक्ति दे ..
साँचा नाम तेरा,
हो, साँचा नाम तेरा,
तू श्याम मेरा, साँचा नाम तेरा, तू श्याम मेरा,
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये .
जाहि विधि राखे, राम ताहि विधि रहिये ..
सीताराम, सीताराम, सीताराम कहिये .
जाहि विधि राखे, राम ताहि विधि रहिये ..
सुख-वरण प्रभु, नारायण, हे, दु:ख-हरण प्रभु, नारायण, हे,
तिरलोकपति, दाता, सुखधाम, स्वीकारो मेरे परनाम,
सुण लीजो बिनती मोरी मैं शरण गही प्रभु तेरी।
तुम तो पतित अनेक उधारे भव सागर से तारे॥
सुन लो साई बाबा, सुन लो साई बाबा, विनती हमारी
करलो भक्तों में गिनती हमारी
नित नित हर दिन हर पल हर दिन, दिल बसे तू साई, ……… दो बार
स्याम मने चाकर राखो जी
गिरधारी लाला चाकर राखो जी।
स्वामी सब संसार के हो सांचे श्रीभगवान॥
हम मतवाले हैं चले साँई के देस – 2
जहाँ सभी को चैन मिलेगा कभी न लागे ठेस
हमको मनकी शक्ति देना, मन विजय करें .
दूसरोंकी जयसे पहले, खुदकी जय करें .
हमको मनकी शक्ति देना ..
हमको मनकी शक्ति देना, मन विजय करें.
दूसरों की जय से पहले, खुदकी जय करें.
हमको मनकी शक्ति देना..
हमें नन्द नन्दन मोल लियो
मोल लियो, मोल लियो ||
हरि तुम बहुत
हरि तुम बहुत अनुग्रह कीन्हो .
साधन धाम विविध दुर्लभ तनु मोहे कृपा कर दीन्हो ..
हरि तुम हरो जन की भीर,
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥
हरि नाम सुमिर
हरि नाम सुमिर हरि नाम सुमिर हरि नाम सुमिर
हरि भजन बिना सुख शान्ति नहीं
हरि नाम बिना आनन्द नहीं
हरि मेरे जीवन प्राण अधार।
हरि हरि, हरि हरि, सुमिरन करो,
हरि चरणारविन्द उर धरो ..
हरी ॐ हरी ॐ साई ॐ साई ॐ
साई ॐ साई ॐ साई ॐ साई ॐ साई ॐ साई ॐ
हरी नाम का प्याला हरे कृष्ण की हाला
ऐसी हाला पी पी करके, चला चले मतवाला
हरी नाम का प्याला हरे कृष्ण की हाला
ऐसी हाला पी पी करके, चला चले मतवाला
हरि तुम हरो जन की भीर।
हारिये न हिम्मत बिसारिये न राम ।
तू क्यों सोचे बंदे सब की सोचे राम ॥
हारिये न हिम्मत बिसारिये न सांई राम…
हे आनंद उमंग भयो
जय हो नन्द लाल की
हे गोविन्द राखो शरन
अब तो जीवन हारे
हे जगत्राता विश्वविधाता हे सुखशांतिनिकेतन हे .
हे दुःख भंजन हे साई राम
हे प्रभु आनंद दाता
हे माँ मुझको ऐसा घर दो जिसमें तुम्हारा मन्दिर हो,
ज्योति जले दिन रैन तुम्हारी, तुम मन्दिर के अन्दर हो ।
हे मेरो मनमोहना आयो नहीं सखी री।
है यह पावन शिर्डी यहाँ बार बार आना,
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना
साँईनाथ के चरणों में आकर के झुकजाना
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना
होरी खेलत हैं गिरधारी।