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1 [वयास] गन्धान रसान नानुरुन्ध्यात सुखं वा; नालंकारांश चाप्नुयात तस्य तस्य
मानं च कीर्तिं च यशश च नेच्छेत; स वै परचारः पश्यतॊ बराह्मणस्य

किसी वन में चतुर्दन्त नाम का एक हाथियों का राजा रहता था। उस वन में एक बार वर्षा नहीं हुई तो फिर कई वर्षों तक सूखा ही पड़ा रहा। उसका परिणाम यह हुआ कि वहां के सभी छोटे-छोटे तालाब और पोखर आदि सूख गए।

एक तालाब था| तालाब बहुत गहरा था| गर्मी में भी उसका पानी नहीं सूखता था| तालाब में रंग-बिरंगी मछलियाँ और मेंढक थे| पास के गाँव के लोग आटे की गोलियाँ बनाकर तालाब में डाला करते थे| तालाब में मछलियाँ और मेंढक बड़ी शांति से रहते थे|