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रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। भगवान विष्णु ने वामन अवतार धारण कर बलि राजा के अभिमान को इसी दिन चकानाचूर किया था। इसलिए यह त्योहार ‘बलेव’ नाम से भी प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र राज्य में नारियल पूर्णिमा या श्रावणी के नाम से यह त्योहार विख्यात है। इस दिन लोग नदी या समुद्र के तट पर जाकर अपने जनेऊ बदलते हैं और समुद्र की पूजा करते हैं।

भगवान् श्रीकृष्ण जब अवन्तीमें महर्षि सान्दीपनिके यहाँ शिक्षा प्राप्त करनेके लिये गये, तब सुदामाजी भी वहीं पढ़ते थे| वहाँ भगवान् श्रीकृष्णसे सुदामाजीकी गहरी मित्रता हो गयी|