बाबर का गुरु जी समेत कई लोगों को कैदी बनाना – साखी श्री गुरु नानक देव जी
बाबर ने सैदपुर के इलाके में हमला कर दिया| सैदपुर के पठानों ने इसका डटकर सामना किया| मगर बाबर की फौजों के आगे पठानों की कोई पेश न गई| बाबर ने खूनी होली खेली|
बाबर ने सैदपुर के इलाके में हमला कर दिया| सैदपुर के पठानों ने इसका डटकर सामना किया| मगर बाबर की फौजों के आगे पठानों की कोई पेश न गई| बाबर ने खूनी होली खेली|
श्री गुरु नानक देव जी शिवरात्रि के मेले से उठकर मुलतान की यात्रा पर निकल पड़े| जब गुरु जी मुलतान पहुंचे तो वहां के पीरों ने बाबा जी को दूध का कटोरा भर कर यह बताने के लिए भेजा कि मुलतान में बहुत से पीर है|
तिनी हरी चंदि प्रिथमी पति राजै कागदि कीम न पाई ||
अउगणु जानै त पुंन करे किउ किउ नेखासि बिकाई ||२||
सिद्धों का एक स्थान अचल बटाला जहां हर साल शिवरात्रि का मेला लगता है| यहां सिद्ध अपनी करामातें दिखाकर लोगों से अपनी पूजा करवाते है| गुरु जी के मेले में पहुंचते ही सभी लोग गुरु जी के पास इकट्ठे हो गए|
एक समय की बात है जब बालक शुकदेव बचपन में ही वन के लिए चलने लगे, तब उनके पिता व्यास बोले- “अभी तो तुम्हारे सब संस्कार पूरे नहीं हुए, यहाँ तुम घर-परिवार को छोड़ते हो?” बालक शुकदेव ने कहा- “मैं इन्हीं संस्कारों से तो संसार में अटका हुआ हूँ|
1 And Jehovah appeared unto him by the oaks of Mamre, as he sat in the tent door in the heat of the day;
“Yudhishthira said, ‘It behoveth thee to explain to me, O sire, what thedifference is between the Sankhya and the Yoga system of philosophy. Oforemost one of Kuru’s race, everything is known to thee, O thou that artconversant with all duties!’
“Vaisampayana said, “Thus addressed by the intelligent king DhritarashtraYudhishthira, possessed of understanding, became calm.