Home2011May (Page 68)

बाबर ने सैदपुर के इलाके में हमला कर दिया| सैदपुर के पठानों ने इसका डटकर सामना किया| मगर बाबर की फौजों के आगे पठानों की कोई पेश न गई| बाबर ने खूनी होली खेली|

श्री गुरु नानक देव जी शिवरात्रि के मेले से उठकर मुलतान की यात्रा पर निकल पड़े| जब गुरु जी मुलतान पहुंचे तो वहां के पीरों ने बाबा जी को दूध का कटोरा भर कर यह बताने के लिए भेजा कि मुलतान में बहुत से पीर है|

सिद्धों का एक स्थान अचल बटाला जहां हर साल शिवरात्रि का मेला लगता है| यहां सिद्ध अपनी करामातें दिखाकर लोगों से अपनी पूजा करवाते है| गुरु जी के मेले में पहुंचते ही सभी लोग गुरु जी के पास इकट्ठे हो गए|

एक समय की बात है जब बालक शुकदेव बचपन में ही वन के लिए चलने लगे, तब उनके पिता व्यास बोले- “अभी तो तुम्हारे सब संस्कार पूरे नहीं हुए, यहाँ तुम घर-परिवार को छोड़ते हो?” बालक शुकदेव ने कहा- “मैं इन्हीं संस्कारों से तो संसार में अटका हुआ हूँ|