अध्याय 242
1 [वै]
ततस तु शिल्पिनः सर्वे अमात्यप्रवराश च ह
विदुरश च महाप्राज्ञॊ धार्तराष्ट्रे नयवेदयत
1 [वै]
ततस तु शिल्पिनः सर्वे अमात्यप्रवराश च ह
विदुरश च महाप्राज्ञॊ धार्तराष्ट्रे नयवेदयत
नटवर नागर नन्दा भजो रे मन गोविन्दा
श्याम सुन्दर मुख चन्दा भजो रे मन गोविन्दा।
1 Now these are the generations of the sons of Noah, [namely], of Shem, Ham, and Japheth: and unto them were sons born after the flood.
“‘Vasishtha said, Listen now to me as I discourse to thee on Buddhas(Supreme Soul) and Abuddha (Jiva) which is the dispensation of attributesof Sattwa, Rajas, and Tamas.
1 [आर्ज]
कारणं बरूहि गन्धर्व किं तद येन सम धर्षिताः
यान्तॊ बरह्मविदः सन्तः सर्वे रात्राव अरिंदम
एक धनी पुरुष ने एक मंदिर बनवाया| मंदिर में भगवान् की पूजा करने के लिये पुजारी रखा| मंदिर के खर्च के लिये बहुत-सी भूमि, खेत और बगीचे मन्दिर के नाम लगाये|
प्राचीन काल में अतवाक नाम के एक महर्षि थे| बहुत समय तक उनकी पत्नी के गर्भ से कोई भी पुत्र पैदा नहीं हुआ, इस कारण वे बड़े दुखी रहते थे, लेकिन फिर विधाता की इच्छा को ही अंतिम सत्य मानकर अपने भाग्य पर संतोष कर लेते थे|
“Vaisampayana said, ‘Thus addressed by his loving wife, king Pandu,well-acquainted with all rules of morality, replied in these words ofvirtuous import, ‘O Kunti, what thou hast said is quite true.
1 [व]
असिद्धानुनये कृष्णे कुरुभ्यः पाण्डवान गते
अभिगम्य पृथां कषत्ता शनैः शॊचन्न इवाब्रवित