Home2011April (Page 9)

एक बाबा जी कहीं जा रहें थे| रास्ते में एक खेत आया| बाबा जी वहाँ लघुशंका के लिये (पेशाब करने) बैठ गये| पीछे से खेत के मालिक ने उनको देखा तो समझा कि हमारे खेत में से मतीरा चुराकर ले जाने वाला यही है; क्योंकि खेत में से मतीरों की चोरी हुआ करती थी| उसने पीछे से आकर बाबा जी के सिर पर लाठी मारी और बोला-‘हमारे खेतो में मतीरा चुराता है?’