Home2011April (Page 10)

एक बार द्वारिका निवासी यदुकुल के कुछ लड़के पानी ढूंढ़ते हुए एक पुराने कुएं के पास पहुंचे| वह कुआं घास और फैली हुई बेलों से पूरी तरह ढका हुआ था| लड़कों ने घास हटाकर देखा तो कुएं में उन्हें एक बड़ा गिरगिट दिखाई पड़ा| उस गिरगिट को उन्होंने बाहर निकालना चाहा और इसी इच्छा से उन्होंने कुएं से रस्सी फेंकी, लेकिन गिरगिट पर्वत की तरह भारी हो गया और वे कितना भी जोर लगाकर उसे नहीं खींच सके|

एक वैश्या थी| उसके मन में विचार आया कि मेरा कल्याण कैसे हो? अपने कल्याण के लिये वह साधुओं के पास  गयी| उन्होंने कहा कि तुम साधुओं का संग करो| साधु त्यागी होते हैं, इसलिये उनकी सेवा करो तो कल्याण होगा| फिर वह ब्राह्मणों के पास गयी तो उन्होंने कहा कि साधु तो बनावटी है, पर हम जन्म से ब्राह्मण हैं| ब्राह्मण सबका गुरु होता है|