Home2011March (Page 45)

आंवले को धात्रीफल भी कहते हैं| यह बहुत ही पौष्टिक और गुणकारी होता है| इसमें हर्र के सारे गुण मौजूद रहते हैं| इसके स्वाद में पांचों रसों का समावेश होता है| ये रस वात, पित्त और कफ को शान्त करने वाले होते हैं|

वृन्दावनके संनिकट कुछ याज्ञिक ब्राह्मण यज्ञ कर रहे थे| भगवान् श्रीकृष्णने अपने सखाओंको उनके पाससे भोजनके लिये कुछ अन्न माँगनेके लिये भेजा| याज्ञिकोंने उन्हें अन्न देना अस्वीकार कर दिया|

“Sauti said, ‘After Vaisampayana had explained to king Janamejaya in thisway the glory of Narayana, he began to discourse on another topic byreciting the question of Yudhishthira and the answer that Bhishma gave inthe presence of all the. Pandavas and the Rishis as also of Krishnahimself. Indeed, Vaisampayana began by saying what follows.[1924]