भाग्य की प्रबलता
कांतिनगर के राजा देवशक्ति के शासन में प्रजा काफ़ी खुशहाल और सम्पन्न थी| लेकिन राजा काफ़ी दुखी था क्योंकि उसके नन्हें और मासूम बेटे के पेट में न जाने कैसे एक साँप का बच्चा चला गया था| उस साँप के बच्चे को निकालने के लिए राजा ने बहुत से वैधों और चिकित्सकों से उपचार कराया लेकिन सफलता नही मिल पाई थी|