Home2011February (Page 18)

सुपारी भोजन के बाद मुख-शुद्धि के रूप में ली जाती है| यह मुख-शुद्धि के अतिरिक्त मसूड़ों को भी दृढ़ करती है, ओत दांतों के मल को दूर करती है| सुपारी का सेवन करने से वातवाहिनियां सबल बनती हैं|

“Vaisampayana said, ‘Then those youthful princes adorned with ear-rings,vying with one another and each regarding himself accomplished in armsand gifted with might, stood up brandishing their weapons. Andintoxicated with pride of beauty, prowess, lineage, knowledge, wealth,and youth, they were like Himalayan elephants in the season of rut withcrowns split from excess of temporal juice.

कीड़े-मकोड़े के काटने पर दंशित स्थान को छूना अथवा नाखून आदि से खुजलाना नहीं चाहिए| इससे विषक्रमण बढ़ जाने की संभावना होती है| इसका उपचार यथाशीघ्र करने का प्रयास करना चाहिए|

आंतरिक क्षमताओं की तुलना में यह बादाम के समकक्ष होता है, तथा मानसिक तनाव से मुक्ति दिलाने वाला है| यह हृदय और आमाशय को बलिष्ठ बनाता है| रक्त=विकार में अमृत-तुल्य है| भारी, गर्म बल और वीर्य को बढ़ाता है एवं स्वादिष्ट, पौष्टिक एवं सुगंधित होता है|