Chapter 180
“The Gandharva continued, ‘Then, O Partha, Adrisyanti, who had beenresiding in Vasishtha’s asylum, brought forth (when the time came) a sonwho was the perpetuator of Saktri’s race and who was a second Saktri ineverything.
“The Gandharva continued, ‘Then, O Partha, Adrisyanti, who had beenresiding in Vasishtha’s asylum, brought forth (when the time came) a sonwho was the perpetuator of Saktri’s race and who was a second Saktri ineverything.
“बेटा देवव्रत, तुमने तो मेरे विवाह के समय ही जीवन भर अविवाहित रहने की प्रतिज्ञा कर ली थी| इसलिए तुम्हारे विवाह करने का तो प्रश्न ही नहीं उठता जबकि बड़ा भाई होने के नाते पहले तुम्हारा विवाह होना चाहिए था|” राजमाता सत्यवती ने अपने ज्येष्ठ पुत्र देवव्रत से कहा जिन्हें संसार उनकी आजीवन अविवाहित तथा अखंड ब्रह्मचारी रहने की भीष्म प्रतिज्ञा के कारण ‘भीष्म’ कह कर पुकारने लगा था|
“Sthanu said, ‘O lord, thou hadst taken great care for creating diversecreatures. Indeed, creatures of diverse kinds were created and reared bythee. Those very creatures, again, are now being consumed through thyfire. Seeing this, I am filled with compassion. O illustrious lord, beinclined to grace.’
“Lomasa said, ‘O most righteous of kings! When he heard these words(proceeding) from the sky, he had faith therein, and did all that he wasdirected to do, O chief of the men of Bharata’s race!
असंख्य सद्गुणरूपी रत्नोंके महान निधि भगवान् श्रीराम धर्मपरायण भारतीयोंके परमाराध्य हैं| श्रीराम ही धर्मके रक्षक, चराचर विश्वकी सृष्टि करनेवाले, पालन करनेवाले तथा संहार करनेवाले परब्रह्मके पूर्णावतार हैं|
“Yudhishthira said, ‘It is seen that if a person happens to beunfortunate, he fails to acquire wealth, how great so ever his strength.
बादशाह अकबर का मुंहलगा हिजड़ा था खोजा| हालाकि खोजा काफी बुद्धिमान था किंतु वह स्वयं को बीरबल से भी ऊंचा समझने लगा था| एक दिन उसने दरबार में घोषणा कर दी कि यदि बीरबल उसके तीन सवालों का जवाब दे देगा तो वह जिंदगी भर बीरबल की गुलामी करेगा अन्यथा बीरबल को उसकी गुलामी करनी पड़ेगी|
1 [वै]
धर्मेण ते ऽभयनुज्ञाताः पाण्डवाः सत्यविक्रमाः
अज्ञातवासं वत्स्यन्तश छन्ना वर्षं तरयॊदशम
उपॊपविश्य विद्वांसः सहिताः संशितव्रताः