बाबा का स्वभाव था कि वे अपने भक्तों को उनकी इच्छा के अनुसार अपनी सेवा करने दिया करते थे| यदि कोई और उनके सेवक को कुछ उल्टा-सीधा कह देता तो बाबा एकदम गुस्सा हो जाते थे और उस पर अपने गुस्से का इजहार किया करते थे|