HomePosts Tagged "शिक्षाप्रद कथाएँ" (Page 18)

एक बार कड़ाके की ठंड से एक निर्धन व्यक्ति नंगे पैर शरीर पर कपड़े लगभग न के बराबर पहने हुए, किसी राजमार्ग पर खुशी से गाता हुआ चला जा रहा था| रास्ते में उसकी भेंट एक अन्य धनी व्यक्ति से हुई| वह घोड़े पर बैठा हुआ था| उसके शरीर पर कोट, लबादा और टोपी थी| पैरों में उसने मजबूत चमड़े के जूते पहन रखे थे|

बहुत दिनों पहले की बात है कि पक्षियों ने सभा बुलाकर अपना राजा चुनने का निश्चय किया| जंगल में एक खुले मैदान में शिकारी पक्षियों को छोड़कर अन्य सभी पक्षी सभा के लिए जमा हुए|

एक बारहसिंगा था| उसकी केवल एक ही आंख थी| एक आंख होने के कारण उसके साथ समस्या यह थी कि दूसरी ओर क्या हो रहा है, इसका उसे पता नहीं चलता था|

एक बार एक उकाब ने एक खरगोश का पीछा किया| खरगोश आड़ा-तिरछा दौड़ता हुआ किसी प्रकार घनी झाड़ियों में पहुंच कर दुबक गया| उसकी जान बच गई| उसका दिल अभी तक धड़क रहा था| वह अभी संभल ही रहा था कि तभी उसने एक गौरेया को कहते सुना – “हे खरगोश! इतना भयभीत क्यों होते हो?

एक किसान था| उसके पास एक बकरा और दो बैल थे| बैलों से वह खेत जोतने का काम लेता| दोनों बैल दिन भर कड़ी मेहनत करके खेतों की जुताई करते थे|

एक बार एक बाज एक कबूतर का पीछा करते हुए एक बहेलिए के जाल में फंस गया| बाज ने फड़फड़ाकर जल काटने की कोशिश की, मगर नाकाम रहा| तभी उसने बहेलिए को आते देखा| वह भय से कांप गया|

एक बार एक बाज कहीं से उड़ता हुआ आया और पेड़ की एक डाल पर बैठ गया| उस डाल पर एक तोता पहले से ही बैठा फल खा रहा था| बाज ने कभी किसी को फल खाते नहीं देखा था| उसने कहा – “ओ तोते, मुझे तुम्हें फल खाते देख कर आश्चर्य हो रहा है|

एक बार एक किसान को पास के एक दूसरे गांव में जाना पड़ा| गांव पहुंचने के लिए एक नदी पर करना आवश्यक था| समस्या तब उत्पन्न हुई, जब वह नदी के किनारे पहुंचा| किसान को तैरना नहीं आता था| वहां नावें भी नहीं थीं| सो उसके पास एक ही रास्ता था कि वह नदी उन्हीं स्थानों से पैदल पार करे, जहां पानी की गहराई बहुत कम थी|

एक दिन एक हिरन का बच्चा तथा एक बारहसिंगा दोनों किसी जंगल में एक साथ चर रहे थे| अचानक शिकारी कुत्तों का एक झुंड उनसे कुछ दूरी पर गुजरा|

एक बार एक बगुले ने अपने बच्चों को गिद्धों से बचाने के लिए अपना घोंसला बदल दिया| उसने अपना नया घोंसला नदी के किनारे बनाया| अब वह स्वयं को सुरक्षित समझ रहा था, क्योंकि उसके नए घोंसले का पता गिद्धों या बहेलियों को नहीं था|