Homeआरती संग्रहसोमवार व्रत की आरती व व्रत की विधि – Somvar (Monday) Vart Ki Aarti

सोमवार व्रत की आरती व व्रत की विधि – Somvar (Monday) Vart Ki Aarti

सोमवार व्रत की आरती - Somvar (Monday) Vart Ki Aarti

सत्यम शिवम और सुन्दरम जो सत्य है वह ब्रह्म है जो शिव है वह परम शुभ और पवित्र आतम तत्व है| शिव से ही धर्म अर्थ काम और मोक्ष है| सभी जगत शिव की ही शरण में हैं, जो शिव के प्रति शरणागत नहीं है वह प्राणी दुःख के गहरे गर्त में डूबता जाता है ऐसा पुराण कहते हैं| जाने-अनजाने शिव का अपमान करने वाले को प्रकृति कभी क्षमा नहीं करती है| शिव की भक्ति हेतु शिव का ध्यान-पूजन किया जाता है| शिवलिंग के विल्वपत्र चढ़ाकर शिवलिंग के समीम मंत्र जाप या ध्यान करने से मोक्ष का मार्ग पुष्ट होता है|

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सोमवार व्रत की आरती इस प्रकार है:

जय शिव ओंकारा जय शिव ओंकारा |
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव अर्दाडी धारा || टेक

एकानन, चतुरानन, पंचानन राजे |
हंसानन गरुडासन बर्षवाहन साजै || जय

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अते सोहै |
तीनो रूप निरखता त्रिभुवन जन मोहै || जय

अक्षयमाला वन माला मुंड माला धारी |
त्रिपुरारी कंसारी वर माला धारो || जय

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे |
सनकादिक ब्रह्मादिक भूतादिक संगे || जय

कर मे श्रेष्ठ कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता |
जग – कर्ता जग – हर्ता जग पालन कर्ता || जय

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव जानत अविवेका |
प्रणवाक्षर के मध्य ये तीनो एका || जय

त्रिगुण शिवजी की आरती जो कोई गावे |
कहत शिवानन्द स्वामी सुख सम्पति पावे || जय

सोमवार व्रत की विधि इस प्रकार है:

1 सोमवार का व्रत साधारणतय दिन के तीसरे पहर तक होता है |

2व्रत मे फलाहार या पारण का कोए खास नियम नहीं है |

3दिन रात मे केवल एक समे भोजन करें |

4इस व्रत मे शिवजी पार्वती का पूजन करना चाहिए |

5सोमवार के व्रत तीन प्रकार के है- साधारण प्रति सोमवार, सोम्य प्रदोष और सोलह सोमवार – विधि तीनो की एक जैसी होती है |

6शिव पूजन के बाद कथा सुननी चाहिए |

 

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