ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई राम ॐ सांई
अजब हैरान हूं भगवन, तुम्हें कैसे रिझाऊं मैं…
कोई वस्तु नहीं ऐसी, जिसे सेवा में लाऊं मैं…
अब समझे सबसे बड़ा साँई नाम
सबसे बड़ा साँई नाम अब समझे…………
इतना तो साई करना जब प्राण तन से निकले
ऐ मेरे ग़रीब नवाज़ झोलियाँ भरो सब की
शिरडी के साँई महाराज 2 झोलियाँ भरो सब की
ऐसी सुबह न आए न आए ऐसी श्याम
जिस दिन जुबान पे मेरी आए न साई का नाम
ओ कान्हा, अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान,
ओ कान्हा, अब तो मुरली की, मधुर सुना दो तान,
में हु तेरी, प्रेम दीवानी, मुझको तुम पहचान,
मधुर सुना दो तान..
काम मेरा है चाहत करूं दीद की, रुख़ से पर्दा हटाना तेरा काम है
काम है मेरा साँई तुझे देखना, आगे जलवा दिखाना तेरा काम है
कोई कहे संत तुझको कोई फ़कीर रे
मुझे मेरा साई लागे सबसे अमीर रे
कौन आता है शिरडी मेरे लिये,
सभी आते यहां पे अपने लिये,
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
तुझे दौनौं जहां का सुख चैन मिलेगा
चिन्ता से भरा दिल सांई को देदे
जग मग जग ये डोल रहा है (२), आसन से मत डोलो
जप ले मन एक नाम साईराम साईराम
जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनियां छूटी जाय
हम आऐ सांई के द्वारे धरती कहीं भी जाय
ज़माना अगर छोड़ दे बेसहारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है-2
हर इक जन अगर कर भी लेगा किनारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है
जमाने ने कहा टूटी हुई तश्वीर बनती है,
तेरे दरबार में बिगड़ी हुई तक्दीर बनती है…
जय जय शंकर जय शिव शंकर जय सांई गोपाला
जा को राखे साईयाँ मार सके न कोय.
बाल न बाका कर सके जो जग बैरी होय.
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को…
जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को…
जोगिया बनके ए माई तेरे दर आया है साईं.
ये उनका रूप अनोखा है तेरी नज़रों का धोखा है.
डम डम डम डमरु बाजे डमरु बाजे…
तकदीर के मारे बन्दों को शिरडी में बुलालो हे साँई
बड़ा जग की बलाएं घूर रहीं हमें उनसे बचालो हे साँई
तन मन की सूद बिसर गई है सम मुख साई नाथ खड़े है
साई नाथ साई नाथ साई नाथ
तन में राम मन में राम रोम रोम में समाया – 2
ओ सांई नाथ अनमोल खजाना जिन चाहा तिन पाया
तुझ में ही सब को पाके तुझ में ही मन रमा के
में तुम्ही से साई बाबा में तुम्ही को मांग लूँगा
तुने मुझे बुलाया साईनाथ रे
में आया में आया साईनाथ रे
तुने मेरी जीवन नैया दरिया पार है लायी
मेरे साई ओ मेरे साई मेरे साई
तुम सागर ठहरे हम गागर ठहरे,हाये प्राण तुम्हीं को ध्याएँ
मोहे झलक दिखादो साँई मोहे झलक दिखादो साँई
तू मारे या तारे – 2 साँई बाबा हम हैं दास तुम्हारे
तू ही माता तू ही पिता है, तू ही माता तू ही पिता है
तू ही तोह है राधा का श्याम साई राम साई श्याम
तू है हमारा और हम तेरे
तेरी अराधना करूँ ,
तेरी अराधना करूँ ,
तेरी शिर्डी में चले आए है साई बाबा
तेरे कदमों की आहट का मुझे इन्तजार है – 2
कैसे कहूँ बाबा तुमसे कितना प्यार है – 2
दया करो साँई दया करो अब तो हम पर दया करो – 2
देर भई बड़ी देर भई अब न देर लगाया करो
दया की चादर तन पे डाले,
सांई तुम भगवान हो,
दु:ख को बोझ समझने वाले कौन तुझे समझाए
साँई तेरी ख़ातिर ख़ुद पर कितना बोझ उठाए कितना बोझ उठाए
धूल तेरे चरणों की बाबा चन्दन और अबीर बनी
जिसने लगाई निज मस्तक पर उसकी तो तकदीर बनी
निस दिन पूजा करे पल चिन प्राण धरे
सास जब तक चले तेरा गुणगान हो
नेक कोई एक तो करम करले, नेक कोई एक तो करम करले
रोज़ थोड़ा-थोड़ा साँई का भजन कर ले – 2
नैना नीर बहाएं साईं नैना नीर बहाएं हैं .
नैना नीर बहाएं साईं नैना नीर बहाएं हैं .
नैया पड़ी मंझधार सांई बिन कैसे लागे पार…
पढ़ो पोथी में सांई लिखो तख्ती पे सांई ,
देखो खम्बे में सांई श्री सांई सांई सांई ..
प्रेम मुदित मन से कहो सांई राम..
बँगलिया मेरी एसी बनवइयौ सांई नाथ-2
जिसमें सारी उमर कटजाय जिसमें सारा बुढ़ापा कटजाय
भज ले मन में साई परम मंगल साई
भिक्षा देदे माई भिक्षा देदे माई,
तेरे द्वार पे चलके आया शिरडी वाला साँई,
भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी.
भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी.
भोला है सांई बाबा भोला है सांई
मेरे बाबा सुन लो, मन की पुकार को।
शरण अपनी ले लो, ठुकरा दूँगा संसार को।
मेरे बाबाजी बनालीजिये अपना मेरे बाबाजी बना लीजिये अपना
बना लीजिये अपना बना लीजिये अपना
मेरे मालिक मेरे मौला ऐ मेरे साई खुदा
शमा करो साईं शमा करो
हर भूल को हमरी शमा करो
शाम सुबह बस एक ही नाम
शिरडी वाले सांई बाबा तू ही है एक हमारा
जो भी दर पर आता तेरे मिलता उसे सहारा
श्री साई नाम सुखदायी …
सरस्वती माँ शत् प्रणाम, घट में भर दे ऐसा ज्ञान।
करें देश सेवा का काम, पढ़ लिखकर हम पाएँ मान।
सांई की मन भावन मूरत मन में है समाई – 2
सांई धुन की एक अजीब दीवानगी सी छायी – 2
साँई कैसा तेरा ये विधान न सब दिन एक समान
हे साँई बाबा हे साँई बाबा
साईं जी का द्वारा
स्वर्ग से प्यारा
साईं तेरी लीला कभी
समझ ना पाऊ मैं
सांई दया करना मेरे सांई कृपा करना – 2
श्रद्वा और सबुरी सांई – 2
साँई दीदार तेरा हो जाए
हम पे उपकार तेरा हो जाए
सांई नाम से प्रीत लगा
बोलो सांई जय जय सांई,
सांई रे .
घर घर में एक चोर सांई रे,
सांईईईईईईईईईईई ओ सांई ओ सांई
छोड़ के दुनिया मैं तेरी शरण में आया
साईनाथ तेरे हजारों हाथ..
साईराम अपनी कृपा से
साईराम अपनी कृपा से मुझे भक्ति दे .
साईराम अपनी कृपा से मुझे शक्ति दे ..
सुन लो साई बाबा, सुन लो साई बाबा, विनती हमारी
करलो भक्तों में गिनती हमारी
नित नित हर दिन हर पल हर दिन, दिल बसे तू साई, ……… दो बार
हम मतवाले हैं चले साँई के देस – 2
जहाँ सभी को चैन मिलेगा कभी न लागे ठेस
हरी ॐ हरी ॐ साई ॐ साई ॐ
साई ॐ साई ॐ साई ॐ साई ॐ साई ॐ साई ॐ
हारिये न हिम्मत बिसारिये न सांई राम…
हे दुःख भंजन हे साई राम
है यह पावन शिर्डी यहाँ बार बार आना,
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना
साँईनाथ के चरणों में आकर के झुकजाना
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना