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विविध भजन (26)

अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम
अल्लाह तेरो नाम, ईश्वर तेरो नाम

इतनी शक्ति हमें देना दाता
मन का विश्वास कमज़ोर हो न

उद्धार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े .
भव पार करो भगवान तुम्हरी शरण पड़े ..

ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐसे हो हमारे करम

ओ पालनहारे निरगुन और न्यारे
तुमरे बिन हमरा कौनों नाहीं..

जय जय गिरिबरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥

जय जय गिरिबरराज किसोरी ।
जय महेस मुख चंद चकोरी ॥

जानकी नाथ सहाय करें जब कौन बिगाड़ करे नर तेरो ..

जैसे सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को
मिल जाये तरुवर कि छाया

ज्योत से ज्योत जगाते चलो प्रेम की गंगा बहाते चलो
राह में आए जो दीन दुखी सबको गले से लगाते चलो ..

तूने रात गँवायी सोय के दिवस गँवाया खाय के .
हीरा जनम अमोल था कौड़ी बदले जाय ..

तेरे दर को छोड़ के किस दर जाऊं मैं .

तोरा मन दर्पण कहलाये –  २
भले बुरे सारे कर्मों को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये –  २

दरशन दीजो आय प्यारे तुम बिनो रह्यो ना जाय ..

न मैं धन चाहूँ, न रतन चाहूँ
तेरे चरणों की धूल मिल जाये

नैन हीन को राह दिखा प्रभु .
पग पग ठोकर खाऊँ मैं ..

प्रभु हम पे कृपा करना प्रभु हम पे दया करना .
वैकुण्ठ तो यहीं है इसमें ही रहा करना ..

मैली चादर ओढ़ के कैसे द्वार तुम्हारे आऊँ .
हे पावन परमेश्वर मेरे मन ही मन शरमाऊं ..

ये गर्व भरा मस्तक मेरा
प्रभु चरण धूल तक झुकने दे

वैष्णव जन तो तेने कहिये जे
पीड़ परायी जाणे रे

सुख-वरण प्रभु, नारायण, हे, दु:ख-हरण प्रभु, नारायण, हे,
तिरलोकपति, दाता, सुखधाम, स्वीकारो मेरे परनाम,

हमको मनकी शक्ति देना, मन विजय करें .
दूसरोंकी जयसे पहले, खुदकी जय करें .
हमको मनकी शक्ति देना  ..

हमको मनकी शक्ति देना, मन विजय करें.
दूसरों की जय से पहले, खुदकी जय करें.
हमको मनकी शक्ति देना..

हे जगत्राता विश्वविधाता हे सुखशांतिनिकेतन हे .