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एक व्यापारी था| वह बहुत ही ईमानदार था| व्यापार के सिलसिले में वह अकसर दूसरे शहरों में जाता रहता था| एक बार व्यापार के सिलसिले में वह कहीं जा रहा था|

यह कहानी सुनाकर मंत्री ने शहरजाद से कहा, “अगर तुमने जिद्द न छोड़ी तो मैं तुम्हें ऐसा ही दंड दूंगा, जैसा उस व्यापारी ने अपनी स्त्री को दिया था|”

बहुत समय पहले फारस में एक बादशाह था| वह बहुत ही न्यायप्रिय एवं प्रजापालक था| इसी कारण उसकी प्रजा उसे बहुत चाहती थी|

एक लड़का बड़ा दुष्ट था| वह चाहे जिसे गाली देकर भाग खड़ा होता| एक दिन एक साधु बाबा एक बरगद के नीचे बैठे थे| लड़का आया और गाली देकर भागा|

एक बार एक देवता पर ब्रह्माजी प्रसन्न हो गये| उस देवता को महर्षि दुर्वासा ने शाप दे दिया था कि ‘तू अब देवता नहीं रहेगा|’ देवता ने कहा – ‘न सही देवता|