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शामगढ़ नगर का निवासी सोमिलक जुलाहा बहुत ही कुशल शिल्पी था| वह राजाओं के पहनने योग्य अनेक सुंदर, चित्र-विचित्र और बहुमूल्य रेशमी वस्त्र बुना करता था| लेकिन फिर भी उसका हाथ तंग ही रहता|

बार की घटना है| भारत में अंग्रेजी राज्य के यशस्वी लेखक एवं राष्ट्रीय नेता श्री सुंदरलाल जी एक बार पूना गए| यह श्रीमद्भगवद्गीता की कर्मयोग की व्याख्या करने वाले भारतीय चिंतक एवं राष्ट्र नेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के व्यक्तिगत जीवन की एक झलक लेना चाहते थे|

रामायण के सुन्दर-काण्ड में हनुमानजी के साहस और देवाधीन कर्म का वर्णन किया गया है। हनुमानजी की भेंट रामजी से उनके वनवास के समय तब हुई जब रामजी अपने भ्राता लछ्मन के साथ अपनी पत्नी सीता की खोज कर रहे थे।