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किसी गाँव में दीनू नाम का एक लोहार अपने परिवार के साथ रहता था| उसका एक पुत्र था, जिसका नाम शामू था| जैसे-जैसे शामू बड़ा होता जा रहा था, उसके दिल में अपने पुश्तैनी धंधे के प्रति नफ़रत बढ़ती जा रही थी| शामू के व्यक्तित्व की एक विशेषता यह थी कि उसके माथे पर गहरे घाव का निशान था, जो दूर से ही दिखाई देता था|

एक बार कुछ मुनि मिलकर विचार करने लगे कि किस समय में थोड़ा सा पुष्प भी महान् फल देता है और उसका सुखपूर्वक अनुष्ठान कर सकते हैं? वे जब कोई निर्णय नहीं कर सके, तब निर्णय के लिये व्यास जी के पास पहुँचे| व्यास जी उस समय गंगा जी में स्नान कर रहे थे|

कान में दर्द प्राय: बच्चों तथा प्रौढ़ों को हो जाता है| इस रोग में रोगी को बहुत तकलीफ होती है| कान में सूई छेदने की तरह रह-रहकर पीड़ा होती है|

श्रीभरतजीका चरित्र समुद्रकी भाँति अगाध है, बुद्धिकी सीमासे परे है| लोक-आदर्शका ऐसा अद्भुत सम्मिश्रण अन्यत्र मिलना कठिन है| भ्रातृप्रेमकी तो ये सजीव मूर्ति थे|