Chapter 21
“Vasudeva said, ‘O thou tiger among men, my great enemy king Salwa, thusencountered by me in battle, again ascended the sky.
“Vasudeva said, ‘O thou tiger among men, my great enemy king Salwa, thusencountered by me in battle, again ascended the sky.
सूर्य के वर से सुवर्ण के बने हुए सुमेरु में केसरी का राज्य था। उसकी अति सुंदरी अंजना नामक स्त्री थी। एक बार अंजना ने शुचिस्नान करके सुंदर वस्त्राभूषण धारण किए। उस समय पवनदेव ने उसके कर्णरन्ध्र में प्रवेश कर आते समय आश्वासन दिया कि तेरे यहाँ सूर्य, अग्नि एवं सुवर्ण के समान तेजस्वी, वेद-वेदांगों का मर्मज्ञ, विश्वन्द्य महाबली पुत्र होगा। और ऐसा ही हुआ भी।
एक बार की बात है| स्वामी रामतीर्थ संयुक्त राज्य अमेरिका गये| बंदरगाह निकट आ रहा था| हर एक व्यक्ति अपना सामान एकत्रित करने लगा| लेकिन स्वामी रामतीर्थ उसी प्रकार बैठे रहे| जबकि दूसरे व्यक्ति अपना सामान इकट्ठा कर रहे थे, और इधर से उधर भाग रहे थे|
“Yudhishthira said, ‘How should a righteous king, who is desirous ofadhering to a course of righteousness, behave? I ask thee this, Oforemost of men! Answer me, O Grandsire!’
बहुत समय पहले गंगा नदी के तट पर एक आश्रम में अनेक ऋषि-मुनि रहते थे| उनके गुरु बड़े ही विद्वान और सिद्ध पुरुष थे| वे अपनी शक्ति से तरह-तरह के आश्चर्यजनक चमत्कार कर सकते थे|
“Yudhishthira said, ‘Thou hast discoursed to me, O thou of righteoussoul, on the duties of the four orders. Do thou, after the same manner, Qking, discourse to me now on all the ordinances respecting the Sraddha(of deceased ancestors).’
1 [बर]
तरयॊ वै रिपवॊ लॊके नव वै गुणतः समृताः
हर्षः सतम्भॊ ऽभिमानश च तरयस ते सात्त्विका गुणाः