Home2011October (Page 9)

एक गरीब ब्राह्मण था| उसको अपनी कन्या का विवाह करना था| उसने विचार किया कि कथा करने से कुछ पैसा आ जायगा तो काम चल जायगा| ऐसा विचार करके उसने भगवान् राम के एक मन्दिर में बैठकर कथा आरम्भ कर दी| उसका भाव यह था कि कोई श्रोता आये, चाहे न आये, पर भगवान तो मेरी कथा सुनेंगे ही!

किसी वन में चण्डरव नामक एक सियार रहता था| एक दिन वह भूख से व्याकुल भटकता हुआ लोभ के कारण समीप के नगर में पहुंच गया| उसको देखते ही नगरवासी कुत्ते उसके पीछे पड़ गए|