Home2011October (Page 42)

कान में दर्द प्राय: बच्चों तथा प्रौढ़ों को हो जाता है| इस रोग में रोगी को बहुत तकलीफ होती है| कान में सूई छेदने की तरह रह-रहकर पीड़ा होती है|

श्रीभरतजीका चरित्र समुद्रकी भाँति अगाध है, बुद्धिकी सीमासे परे है| लोक-आदर्शका ऐसा अद्भुत सम्मिश्रण अन्यत्र मिलना कठिन है| भ्रातृप्रेमकी तो ये सजीव मूर्ति थे|

आर्द्रक अर्थात् अदरक का अर्थ है – नमी की रक्षा करने वाली गुणकारी प्राकृतिक जड़ी| यही अदरक सूखने के बाद सोंठ बन जाती है| इसमें जितना जल होता है, उतनी ही उष्णता भी होती है|

इनका रस और विपाक कटु होता है| शीतवीर्य, मधुर, रुचिकर एवं सुगंधित है| इसी कारण यह मन को प्रफुल्लित कर देती है तथा वायु को विलीन कर, छाती, कंठ एवं आमाशय के द्रव को सुखाती है| मस्तिष्क, हृदय एवं उदर को बलशाली बनाती है| मुंह की दुर्गन्ध, मूत्र की रुकावट व पेट के अफारे को दूर करती है| आमाशय के दोषों को दूर करती है और डकारें लाकर भूख पैदा करती है| प्राय: सभी औषधि निर्माण कार्यों में यह प्रभावशाली है|

भूमिका:

पंजाब की माटी की सौंधी गन्ध में गूंजता एक ऐसा नाम जो धरती से उठकर आकाश में छा गया| वे ही भारतीय सन्त परम्परा के महान कवि थे जो पंजाब की माटी में जन्मे, पले और उनकी ख्याति पूरे देश में फैली| ऐसे ही पंजाब के सबसे बड़े सूफी बुल्ले शाह जी हुए हैं|