महावीर की बात सुनकर चरणों में लोट गया दुष्ट
महावीर स्वामी तपस्या में लीन थे। एक दुष्ट उनके पीछे लग गया। कई बार उसने महावीर स्वामी का अपमान किया, लेकिन वे सदैव शांत ही रहते। उन्होंने तो संसार को प्रेम का पाठ पढ़ाया था। वे कहते थे सदा प्रेम करो, प्रेम में ही परमतत्व छिपा है। जो तुम्हारा अहित करे उसे भी प्रेम करो।