Home2011May (Page 63)

राए बुलार ने महिता कालू जी को कहा कि आप खुश किस्मत हो आपको घर नानक जैसा पुत्र पैदा हुआ है| इन्हें आज से कटु वचन न कहना| मेरी तरफ से एक सुन्दर पोशाक लेकर जाओ|

श्री गुरु नानक देव जी को एकांत में लेटे देखकर माता तृप्ता कहने लगी – पुत्र! तुम बीमारो की तरह चुपचाप क्यों लेटे रहते हो? घर का कोई काम-काज दिल लगा कर किया करो|

महिता कालू जी ने श्री गुरु नानक देव जी को बहन नानकी व जीजा जै राम के पास भेज दिया| परन्तु वहां आप बेकार बैठे आनन्द लेते रहे|

श्री गुरु नानक देव जी मोदी खाने को बड़ी उदारता के साथ चला रहे थे| अधिकारियों ने नवाब को चुगली कर दी कि गुरु जी बड़ी लापरवाही व बेपरवाही के साथ मोदी खाना लुटा रहे है, जिसकी वजह से मोदी खाना खाली हो जाएगा|

गुरु जी को खुल्ले हाथों से मोदी खाने की नौकरी करते देख चुगलखोरो ने नवाब को जाकर फिर शिकायत कर दी कि अब तो गुरु जी पहले से भी दुगना – चौगुना मोदीखाना लुटाए जा रहे हैं|

गुरु जी नित्य की मर्यादा के अनुसार नदी में स्नान करने गए तो अपने वस्त्र सेवादार को पकड़ा कर नदी में गोते लगाने लगे| वे इस तरह अलोप हुए कि बाहर न आए| सेवादारों ने यह बात नवाब व जीजा जै राम को बताई| उन्होंने गुरु जी को ढूंढने की पूरी कोशिश की, जाल भी डलवाए, परन्तु आप का पता न चला|

गुरु नानक देव जी जब 5 वर्ष के हुए तो उन्होंने बच्चों के साथ खेलना शुरू कर दिया| गुरु जी सभी बालकों को इतना प्यार करते थे कि उन्हें खाने व खेलने की वस्तुएँ घर से लाकर बाँट देते|

बाबा कालू जी ने शुभ दिन वार पूछ कर आपको नए वस्त्र पहना कर पांधे के पास भेज दिया| आप उनके लिए कुछ नकदी व मिष्ठान भी साथ लेकर गए|

पांधे गोपाल से पढ़ाई करके बाबा कालू ने आपको फारसी पढ़ने के लिए मुल्ला घुतवदीन के पास भेज दिया| मिष्ठान व कुछ नकदी समान भेंटा के रूप में आप साथ ले गए|

महिता कालू जी ने वंश की रीति अनुसार 11 साल के होते ही आपको जनेयु पहनाने के लिए दिन निश्चित करके पुरोहित हरदियाल के पास भेज दिया|