आली रे मेरे नैणा बाण पड़ी
आली रे मेरे नैणा बाण पड़ी।
साईं बाबा कभी-कभी अपने भक्तों के साथ हँसी-मजाक भी किया करते थे, परन्तु उनकी इस बात से न केवल भक्तों का मनोरंजन ही होता था, बल्कि वह भावपूर्ण और शिक्षाप्रद भी होता था| एक ऐसी ही भावपूर्ण, शिक्षाप्रद व मनोरंजक कथा है –
1 And he heard the words of Laban’s sons, saying, Jacob hath taken away all that was our father’s; and of that which was our father’s hath he gotten all this glory.
“Yudhishthira said, ‘Tell me, O grandsire, what is beneficial for onethat is unconversant with the truths of the scriptures, that is always indoubt, and that abstains from self-restraint and the other practiceshaving for their object the knowledge of the Soul.’
फन्टूश एक शैतान और नटखट लड़का था | उसका पढ़ाई में बिल्कुल मन नहीं लगता था | घर वाले उसे समझाते थे कि यदि तुम पढ़ोगे-लिखोगे नहीं तो तुम्हारा जीवन व्यर्थ हो जाएगा | वे कहते थे कि पुस्तकों में ज्ञान का भंडार है, ये तुम्हें ऐसी बातों का ज्ञान कराती हैं जिनका ज्ञान कोई व्यक्ति आसानी से नहीं करा सकता |
सर्वप्रथम इसे मुख-शुद्धि के लिए प्रयोग किया जाता है| यों सौंफ का उपयोग एक सुगन्धित, उत्तेजक और शांतिदायक पदार्थ के रूप में होता है| उदर की वायु दूर करने में यह रामबाण साबित होती है| यह आंतों में होने वाले मरोड़ों को शान्त करती है| बच्चों के उदरशूल को भी यह दूर करती है| इसके प्रयोग से मूत्र सहज और साफ आता है| अजीर्ण आदि से होने वाले दस्तों के लिए भी अति उत्तम औषधि है| सौंफ का काढ़ा बनाकर पीने से ज्वर की तेजी कम हो जाती है| यह शीतल और पाचक गुण प्रधान है| यह मेधा एवं स्मरण-शक्ति को तीव्र बनाती है| रक्तवाही संस्थानों को शुद्ध करती है| आमाशय की गर्मी दूर करती है|
1 [वै]
तांस तु दृष्ट्वा सुमनसः परिसंवत्सरॊषितान
विश्वस्तान इव संलक्ष्य हर्षं चक्रे पुरॊचनः
बिरजू एक गरीब चरवाहा था | दिन भर दूसरों की गाएं चराकर शाम को थका-मांदा घर लौटता था | उसकी कमाई केवल इतनी थी कि मुश्किल से एक वक्त की रोटी जुटा पाता था |
“Vaisampayana said, ‘O monarch, after the nuptials were over, kingSantanu established his beautiful bride in his household. Soon after wasborn of Satyavati an intelligent and heroic son of Santanu namedChitrangada. He was endued with great energy and became an eminent man.