Home2011March (Page 56)

किसी नगर में हरिदत नामक एक ब्राह्मण परिवार सहित निवास करता था| वह मन लगाकर अपने खेत में काम करता, परंतु फिर भी उसे पर्याप्त आय नही होती थी| उसका जीवन दुख और कठिनाइयों से भरा था| एक दिन ब्राह्मण अपना कार्य समाप्त करके थोड़ा विश्राम कर रहा था कि उसने समीप के रेत के टीले पर एक भयंकर सर्प को फन फैलाए बैठे देखा| ब्राह्मण ने सोचा कि यह मेरे क्षेत्र का देवता है|