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दरबार लगा हुआ था| बादशाह अकबर राज-काज देख रहे थे| तभी दरबान ने सूचना दी कि दो व्यक्ति अपने झगड़े का निपटारा करवाने के लिए आना चाहते हैं|

एक बार बापू साहब बूटी को अम्लपित्त का रोग हो गया| उन्होंने बहुत इलाज करवाया परन्तु कोई लाभ नहीं हुआ| रोग की वजह से वह इतने कमजोर हो गये कि अब वे मस्जिद जाकर बाबा के दर्शन कर पाने में खुद को असमर्थ पाने लगे| यह बात बाबा को भी पता चल गयी|