Home2011March (Page 46)

एक राजा बेहद विलासी स्वभाव का था| उसे न प्रजा के सुख-दुख की चिंता थी और न राजकाज की| उसका सारा दिन अपने लिए सुख-सुविधाओं की व्यवस्था करने-करवाने में ही बीत जाता था| 

पहले महायुद्ध के दिनों की बात है| सन् 1918 के प्रारंभिक दिनों में उत्तराखंड-गढ़वाल में भयंकर दुर्भिक्ष पड़ा| कुछ समाचार पत्रों में उत्तराखंड-गढ़वाल में दुर्भिक्ष फैलने के समाचार प्रकाशित हुए|

अर्जुन कुंती का सबसे छोटा पुत्र था| इसके पिता का नाम पाण्डु था, लेकिन वास्तविक पिता तो इसका इंद्र था| पाण्डु रोगग्रस्त था और पुत्र पैदा करने की उसमें सामर्थ्य नहीं थी|

भीमसेन कुंती का दूसरा पुत्र था| इसका जन्म पवन देवता के संयोग से हुआ था, इसी कारण इसमें पवन की-सी शक्ति थी| इसके उदर में वृक नामक तीक्ष्ण अग्नि थी, इसीलिए इसका नाम वृकोदर भी पड़ा|

बहरापन एक गंभीर रोग है| इससे छुटकारा पाने के लिए तुरंत ही उपचार करना चाहिए| यह बीमारी कमजोर लोगों तथा असामान्य मस्तिष्क वाले व्यक्तियों को अधिक होती है| इस बीमारी होते ही उसके कारणों को जानकर ही उचित उपचार करना चाहिए|