महियारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया
महियारी का भेष बनाया, श्याम चूड़ी बेचने आया..
Janamejaya said, ‘I have heard from thee the glory of the divine andSupreme Soul. I have heard also of the birth of the Supreme Deity in thehouse of Dharma, in the form of Nara and Narayana.
1 [विदुर]
राजन निःसंशयं शरेयॊ वाच्यस तवम असि बान्धवैः
न तव अशुश्रूषमाणेषु वाक्यं संप्रतितिष्ठति
1 [सहदेव]
न बाह्यं दरव्यम उत्सृज्य सिद्धिर भवति भारत
शारीरं दरव्यम उत्सृज्य सिद्धिर भवति वा न वा
गुरूवार या वीरवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है. बृहस्पति देवता को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना जाता है. गुरूवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. परिवार में सुख तथा शांति रहती है. गुरूवार का व्रत जल्दी विवाह करने के लिये भी किया जाता है|
1 भीष्म उवाच
ततस ते तापसाः सर्वे तपसे धृतनिश्चयाम
दृष्ट्वा नयवर्तयंस तात किं कार्यम इति चाब्रुवन
After this citizens returned to their respective houses and the Pandavascontinued to dwell at Ekachakra as before.
बहुत समय पहले की बात है, एक घने वन में क्रूर बहेलिया अपने शिकार की खोज में इधर-उधर भटक रहा था| सुबह से शाम तक भटकने के बाद एक कबूतरी जैसे-तैसे उसके हाथ लग गई| कुछ ही क्षणों बाद तेज़ वर्षा होने लगी| सर्दी से काँपता हुआ बहेलिया वर्षा से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे आकर बैठ गया| कुछ देर बाद वर्षा थम गई|
“Sahadeva said, ‘What hath been said by the king is, indeed, eternalvirtue, but thou, O chastiser of foes, shouldst act, in such a way thatwar may certainly happen.
द्रोणाचार्य का जीवन बड़े सुख से व्यतीत हो रहा था| उन्हें हस्तिनापुर राज्य की ओर से अच्छी वृत्ति तो मिलती ही थी, अच्छा आवास भी मिला हुआ था| राजकुटुंब के छोटे-बड़े सभी लोग उन्हें मस्तक झुकाया करते थे| स्वयं देवव्रत भी उनका बड़ा आदर किया करते थे|