Home2011March (Page 35)

गुरूवार या वीरवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है. बृहस्पति देवता को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना जाता है. गुरूवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. परिवार में सुख तथा शांति रहती है. गुरूवार का व्रत जल्दी विवाह करने के लिये भी किया जाता है|

बहुत समय पहले की बात है, एक घने वन में क्रूर बहेलिया अपने शिकार की खोज में इधर-उधर भटक रहा था| सुबह से शाम तक भटकने के बाद एक कबूतरी जैसे-तैसे उसके हाथ लग गई| कुछ ही क्षणों बाद तेज़ वर्षा होने लगी| सर्दी से काँपता हुआ बहेलिया वर्षा से बचने के लिए एक पेड़ के नीचे आकर बैठ गया| कुछ देर बाद वर्षा थम गई|

द्रोणाचार्य का जीवन बड़े सुख से व्यतीत हो रहा था| उन्हें हस्तिनापुर राज्य की ओर से अच्छी वृत्ति तो मिलती ही थी, अच्छा आवास भी मिला हुआ था| राजकुटुंब के छोटे-बड़े सभी लोग उन्हें मस्तक झुकाया करते थे| स्वयं देवव्रत भी उनका बड़ा आदर किया करते थे|