Homeआरती संग्रहब्रहस्पतिवार व्रत की आरती – Bhraspativar (Thursday) Vart Ki Aarti

ब्रहस्पतिवार व्रत की आरती – Bhraspativar (Thursday) Vart Ki Aarti

ब्रहस्पतिवार व्रत की आरती - Bhraspativar (Thursday) Vart Ki Aarti

गुरूवार या वीरवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है. बृहस्पति देवता को बुद्धि और शिक्षा का देवता माना जाता है. गुरूवार को बृहस्पति देव की पूजा करने से धन, विद्या, पुत्र तथा मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. परिवार में सुख तथा शांति रहती है. गुरूवार का व्रत जल्दी विवाह करने के लिये भी किया जाता है|

“ब्रहस्पतिवार व्रत आरती” सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Audio Bhraspativar Vart Aarti

ब्रहस्पतिवार व्रत की आरती इस प्रकार है:

ॐ जय ब्रह्स्पति देवा, जय ब्रह्स्पति देवा |
छिन छिन भोग लगाऊ फल मेवा ||

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी |
जगत पिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी || ॐ

चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता |
सकल मनोरथ दायक, किरपा करो भर्ता || ॐ

तन, मन, धन अर्पणकर जो शरण पड़े |
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े || ॐ

दीन दयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी |
पाप दोष सभ हर्ता,भाव बंधन हारी || ॐ

सकल मनोरथ दायक,सब संशय तारो |
विषय विकार मिटाओ संतन सुखकारी || ॐ

जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे |
जेष्टानंद बन्द सो सो निश्चय पावे || ॐ

ब्रहस्पतिवार वर्त की विधि इस प्रकार है:

    • इस दिन ब्रह्स्पतेश्वर महादेव जी की पूजा होती है |
    • दिन में एक समय ही भोजन करें |
    • पीले वस्त्र धारण करें, पीले पुष्पों को धारण करें |
    • भोजन भी चने की दाल का होना चाहिए |
    • नमक नहीं खाना चाहिए |
    • पीले रंग का फूल, चने की दाल, पीले कपडे तथा पीले चन्दन से पूजा करनी चाहिए |
  • पूजन के बाद कथा सुननी चाहिए |
  •  इस व्रत से ब्रहस्पति जी खुश होते है तथा धन और विद्या का लाभ होता है |
  • यह व्रत महिलाओ के लिए अति आवश्यक है |
  • इस व्रत मे केले का पूजन होता है |

Spiritual & Religious Store – Buy Online

Click the button below to view and buy over 700,000 exciting ‘Spiritual & Religious’ products

700,000+ Products