अध्याय 4
1 [वै]
युधिष्ठिरस्य नृपतेर दुर्यॊधन पितुस तथा
नान्तरं ददृशू राजन पुरुषाः परणयं परति
Vaishampayana said, “Beholding Duryodhana, Gandhari, deprived of hersenses by grief, suddenly fell down on the earth like an uprootedplantain tree.
1 [वै]
इन्द्रप्रस्थे वसन्तस ते जघ्नुर अन्यान नराधिपान
शासनाद धृतराष्ट्रस्य राज्ञः शांतनवस्य च
डॉक्टर दुर्गाचरण नाग बड़े ही सह्रदय चिकित्सक थे| वह न केवल मोहल्ले के रोगियों की चिकित्सा करते थे, अपितु यह भी देखते रहते थे कि उनका कोई पड़ोसी, मोहल्ले का कोई व्यक्ति भूखा, नंगा या रोगी तो नहीं है?
“Garuda said, ‘O Brahmanas, since this quarter saveth from sin, and sinceone attaineth to salvation here, it is for this saying (Uttarana) powerthat it is called the north (uttara).
गणेश चालीसा सर्वप्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश की कृपा पाने का एक माध्यम या एक ऐसा मार्ग है, जो किसी भी कार्य को पूर्ण करने में सहायक है। यदि सुबह सुवेरे नियमित रुप से गणेश चालीसा का पाठ किया जाए तो घर में खुशहाली रहती है. घर-परिवार में सुविधा-संपन्नता बनी रहती है. इस पाठ के करने से परिवार में बरकत बनी रहती है. आइए गणेश चालीसा का पाठ आरंभ करें.