Chapter 127
“Vibhavasu (otherwise called Surya) said, ‘There are two offerings. Oneof those consists of a palmful of water and the other called Akshataconsists of rice-grains with ghee.
“Vibhavasu (otherwise called Surya) said, ‘There are two offerings. Oneof those consists of a palmful of water and the other called Akshataconsists of rice-grains with ghee.
प्रद्युम्नजी कामदेवके अवतार माने जाते हैं| ये भगवान् श्रीकृष्णकी प्रमुख पत्नी रुक्मिणीजीके पुत्र थे| इनका जीवन-चरित्र अत्यन्त विचित्र है|
हम में से बहुत से लोग यही जानते हैं कि राधाजी श्रीकृष्ण की प्रेयसी थीं परन्तु इनका विवाह नहीं हुआ था। श्रीकृष्ण के गुरू गर्गाचार्य जी द्वारा रचित “गर्ग संहिता” में यह वर्णन है कि राधा-कृष्ण का विवाह हुआ था। एक बार नन्द बाबा कृष्ण जी को गोद में लिए हुए गाएं चरा रहे थे। गाएं चराते-चराते वे वन में काफी आगे निकल आए। अचानक बादल गरजने लगे और आंधी चलने लगी।
बादशाह अकबर अक्सर दरबार में पहेलियां भी बुझते रहते थे और अधिकतर मामलों में बीरबल ही उन पहेलियों को सुलझा पाता था|
Kripa said, “By good luck, O thou of unfading glory, thy heart is settoday on vengeance. The wielder of the thunder himself will not succeedin dissuading thee today.